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Bilaspur हाईकोर्ट ने जग्गी हत्याकांड के 25 आरोपितों की उम्रकैद की सजा पर सुनाया फैसला

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बिलासपुर न्यूज डेस्क।। उन्होंने हत्याकांड में पर्याप्त साक्ष्य के बिना ही सजा देने की बात कही. साथ ही सीबीआई की ओर से भी दलीलें पेश की गईं और बताया गया कि किस आधार पर हत्याकांड की जांच की गई और आरोपियों के खिलाफ आरोप पत्र पेश किया गया. सभी पक्षों को सुनने के बाद हाई कोर्ट ने अहम फैसला सुनाया और आरोपी की अपील खारिज कर दी. इस फैसले के बाद जग्गी हत्याकांड मामले में अमित जोगी की मुश्किलें बढ़ सकती हैं.

आपको बता दें कि इस बहुचर्चित हत्याकांड के आरोपियों को सीबीआई की विशेष अदालत ने उम्रकैद की सजा सुनाई थी. हालांकि, कोर्ट ने तत्कालीन सीएम अजीत जोगी के बेटे अमित जोगी को बरी कर दिया था. इस फैसले के खिलाफ आरोपियों ने हाई कोर्ट में अपील की. रामअवतार जग्गी के बेटे सतीश जग्गी ने अमित को बरी करने के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में अपील की, जिस पर अमित के पक्ष में रोक लगा दी गई।

यह हत्या राज्य सरकार द्वारा प्रायोजित थी।
इधर, अमित जोगी को बरी किये जाने के खिलाफ स्वर्गीय रामअवतार जग्गी के बेटे सतीश जग्गी द्वारा दायर आपराधिक अपील पर हाईकोर्ट में उनके वकील बी.पी. शर्मा ने दलील देते हुए कहा कि हत्याकांड की साजिश प्रायोजित थी. फिर राज्य सरकार ने जब इसकी सीबीआई जांच शुरू की तो सरकार के प्रभाव में आकर सारे सबूत नष्ट कर दिये गये. ऐसे मामले में साक्ष्य महत्वपूर्ण नहीं है. बल्कि साजिश को बेनकाब करने की जरूरत है. इसलिए इस मामले में आरोपी को साक्ष्य के अभाव में बरी नहीं किया जा सकता.

इन आरोपियों की अपील पर फैसला
अभय गोयल, याहया ढेबर, वीके पांडे, फिरोज सिद्दीकी, राकेश चंद्र त्रिवेदी, अवनीश सिंह लल्लन, सूर्यकांत तिवारी, अमरीक सिंह गिल, चिमन सिंह व अन्य, सुनील गुप्ता, राजू भदौरिया, अनिल पचौरी, रवींद्र सिंह, लल्ला भदौरिया, रवींद्र सिंह व अन्य। सत्येन्द्र सिंह, शिवेन्द्र सिंह परिहार, विनोद सिंह राठौड़, संजय सिंह कुशवाहा, राकेश कुमार शर्मा, (मृतक) विक्रम शर्मा, जाबवंत, विश्वनाथ राजभर व अन्य।

छत्तिसगढ न्यूज डेस्क।।

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