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बीकानेर में नई तकनीक से घुटनों का मुफ़्त ट्रांसप्लांट, दूसरे राज्यों के मरीज़ भी करा रहे इलाज

बीकानेर में नई तकनीक से घुटनों का मुफ़्त ट्रांसप्लांट, दूसरे राज्यों के मरीज़ भी करा रहे इलाज

घुटनों का दर्द कई लोगों की समस्या है। खासकर बढ़ती उम्र के साथ लोग इससे काफी परेशान रहते हैं और इलाज के लिए भटकते रहते हैं। घुटनों के दर्द से निजात पाने का एक इलाज इसका ट्रांसप्लांटेशन भी है, लेकिन इसके महंगे होने के कारण अक्सर आम मरीज इसका लाभ नहीं उठा पाते। लेकिन इन दिनों बीकानेर के पीबीएम ट्रॉमा सेंटर (पीबीएम अस्पताल) में घुटनों के दर्द से परेशान मरीजों को राहत दिलाने का प्रयास किया जा रहा है। इस सप्ताह नई तकनीक से 6 मरीजों का घुटना ट्रांसप्लांट किया गया है।

इस सफल ऑपरेशन के बाद मरीज चलने-फिरने लगे हैं। सबसे बड़ी बात यह है कि ये ऑपरेशन राज्य सरकार की मां योजना के तहत निशुल्क किए गए हैं। पीबीएम अस्पताल में ट्रॉमा सेंटर के निदेशक डॉ. बी.एल. खजोतिया का कहना है कि इन दिनों अस्पताल में नई तकनीक से घुटनों का ट्रांसप्लांट किया जा रहा है, जो अपने नवाचारों के लिए मशहूर है। उन्होंने बताया कि आमतौर पर घुटने के प्रत्यारोपण ऑपरेशन में "टूर्नी कैवेट" विधि से रबर या हवा के दबाव से रक्त वाहिकाओं को ब्लॉक किया जाता है, जिसमें गंदे खून को निकालने के लिए एक ट्यूब डाली जाती है, जिससे नसों में खून के थक्के जमने का खतरा रहता है। लेकिन इस बार मरीज का ऑपरेशन नई तकनीक से किया गया, जिसमें रक्त संचार को रोके बिना घुटने का प्रत्यारोपण किया गया, जिससे नसों में गंदा खून और ब्लॉकेज निकलने का खतरा नहीं रहा।

राजस्थान सरकार की मां योजना के तहत मिल रहा है इलाज पीबीएम अस्पताल के ट्रॉमा सेंटर के मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. एल.के. कपिल बताते हैं कि पहले इस ऑपरेशन के लिए बीकानेर से बाहर बड़े अस्पतालों में जाना पड़ता था, लेकिन अब यह सुविधा बीकानेर में ही उपलब्ध है। उन्होंने बताया कि योजना के तहत नई तकनीक का उपयोग कर सफलतापूर्वक घुटने के प्रत्यारोपण के निशुल्क ऑपरेशन किए जा रहे हैं। पंजाब और आसपास के अन्य राज्यों से भी मरीज यहां आकर इसका लाभ उठा रहे हैं, जो लंबे समय से घुटने के दर्द से परेशान थे। जिन्हें कई अस्पतालों में इलाज के बावजूद कोई लाभ नहीं मिल रहा था। वे यहां आकर अपने पैरों पर चलने लगे हैं।

अस्पताल की फिजियोथेरेपिस्ट डॉ. शीतल पंवार का कहना है कि इस नई तकनीक से ऑपरेशन के बाद फिजियोथेरेपी जरूरी है। नियमित फिजियोथेरेपी के बाद मरीज का घुटना 120 डिग्री तक काम करने लगता है। अस्पताल में इस तकनीक से घुटने के दर्द का इलाज कराने वाले मरीज काफी खुश हैं। उनका कहना है कि जो लाभ उन्हें लाखों रुपए खर्च करने के बाद भी नहीं मिल पाया, वह यहां मुफ्त में मिल रहा है। ऑपरेशन के बाद उन्हें चलने-फिरने में कोई दिक्कत नहीं आ रही है।

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