Bhopal फिल्में और टीवी देख सपनों की दुनिया में जी रहे बच्चे, हर माह पहुंच रहे हैं 15 से 20 मामले, बच्चों की हो रही काउंसलिंग

मध्यप्रदेश न्यूज़ डेस्क, बिहार से 15 वर्षीय किशोर ट्रेन में चढ़कर भोपाल आ पहुंचा. सिटी चाइल्डलाइन ने उसे रेस्क्यू किया. यहां वो पैसे कमाकर अमीर बनना चाहता था. किशोर अपने पिता की राशन दुकान पर बैठता था. ज्यादा पैसे कमाने के लिए ग्राहकों को ज्यादा दाम में सामान बेचता था. पिता ने डांटा तो नाराज होकर घर से भाग आया.
भोपाल के एक ही परिवार के तीन बच्चे फिल्म में दिल्ली शहर की चकाचौंध से प्रभावित होकर वहां घूमने निकल गए, लेकिन रास्ते में कॉलर ने शक होने पर इन बच्चों की सूचना चाइल्डलाइन को दी. काउंसलिंग के दौरान उन्होंने बताया कि वो भी बड़े शहर घूमना चाहते हैं. लेकिन फैमिली भोपाल से बाहर ही नहीं जाती.
फिल्मों और टेलीविजन से बच्चे प्रभावित हो रहे हैं. हमारे पास हर महीने ऐसे 15 से 20 केस आते हैं जिनमें बच्चों में इनका प्रभाव दिखाई देता है. ये चिंता का विषय है. इसमें परिवार और स्कूल दोनों को मिलकर बच्चों को एजुकेशन देनी चाहिए. साथ ही कुछ गाइडलाइन्स भी बनाई जानी चाहिए.
अर्चना सहाय डायरेक्टर, सिटी चाइल्डलाइन
फिल्मों और टीवी की दुनिया में बच्चे मशगूल हो रहे हैं. इनमें दिखाई जाने वाली चीजों से ये प्रभावित होकर सही-गलत नहीं समझ पा रहे हैं. हाल ही में एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है. एक 17 वर्षीय किशोर ने हॉलीवुड फिल्म देख सिगरेट का कलेक्शन शुरु किया. 2 महीने में इसने 10 ब्रॉड्स की सिगरेट कलेक्ट कर ली. सफाई के दौरान मां को ये मिले. काउंसलिंग में किशोर ने कहा कि वो सिगरेट उसकी फेवरेट चीजों में से एक है. इसलिए वो उन्हें कलेक्ट करके कूल दिखना चाहता है. बच्चे की काउंसलिंग जारी है.
भोपाल न्यूज़ डेस्क !!!