Bhopal इंदौर के बाद भोपाल नगर निगम भी जारी करेगा 1000 करोड़ का ग्रीन बॉण्ड, ग्रीन और क्लीन एनर्जी की दिशा में एक और कदम

मध्यप्रदेश न्यूज़ डेस्क, नगर निगम सोलर व विंड एनर्जी प्रोजेक्ट के साथ अब ग्रीन बिल्डिंग प्रोजेक्ट के लिए ग्रीन बॉण्ड जारी करेगा. शासन से इसे मंजूरी मिल गई है. पहली बार जारी होने जा रहे ग्रीन बांड से करीब 1000 करोड़ रुपए जुटाने की योजना है. तालाब और वनक्षेत्र होने के कारण ग्रीन बॉण्ड भागीदारी के लिए भोपाल की क्रेडिट रेटिंग भी काफी बेहतर है. इस राशि से तालाबों में फ्लोटिंग सोलर प्लांट के साथ मनुआभान व पहाड़ी क्षेत्रों में विंड एनर्जी प्रोजेक्ट शुरू होंगे. इससे तालाब-वनक्षेत्र संरक्षण के साथ क्लीन एनर्जी बनेगी. निगम का बिजली बिल भी घटेगा.
कितने तरह के ग्रीन बॉण्ड
रिटेल इंवेस्टर्स के लिए क्या ?
ग्रीन बॉण्ड अमूमन नौ श्रेणियों में होते हैं. इनमें अक्षय ऊर्जा कुशलता, स्वच्छ परिवहन, ग्रीन बिल्डिंग प्रोजेक्ट जैसी श्रेणियां हैं. ग्रीन बॉन्ड को यूरोपीय निवेश बैंक और वर्ल्ड बैंक ने 2007 में लॉन्च किया था.
क्या है ग्रीन बॉण्ड
ग्रीन बॉण्ड एक तरह से फायनेंशियल इंन्स्ट्रूमेंट हैं. इसका उपयोग पर्यावरण को सपोर्ट करने के लिए और क्लाइमेट संबंधी प्रोजेक्ट के लिए किया जाता है. बॉण्ड का उपयोग सरकार वित्तीय परियोजनाओं में करती है. ये राशि उन प्रोजेक्ट्स में लगाई जाती है जिसमें इकॉनॉकी की कार्बन तीव्रता कम हो. एक तरह से कार्बन उत्सर्जन कम करने वाले प्रोजेक्ट के लिए ग्रीन बॉण्ड के जरिए धन जुटाया जाता है.
भो पाल नगर निगम अभी 400 किमी दूर नीमच में सोलर व विंड पॉवर प्लांट पर बैंकों से लोन लेकर करीब 100 करोड़ रुपए खर्च करेगा. जबकि, ग्रीन बॉण्ड से भोपाल के ही तालाब और पहाड़ों पर प्रोजेक्ट लगेंगे.
अमूमन ग्रीन बॉण्ड को यूनिफॉर्म प्राइस ऑक्शन के जरिए जारी करते हैं. बॉण्ड की कुल राशि में से 5 फीसदी के बराबर की राशि के बॉण्ड रिटेल इंवेस्टर्स के लिए रिजर्व होते हैं.
हम क्यों खरीदें बॉण्ड
ग्रीन बॉण्ड लंबी अवधि के और डोमिनेटिंग होते हैं. एसेट लिंक होने की वजह से इन बॉण्डस से पैसा जुटाना आसान होता है. निवेशकों को इन बॉण्ड में कम समय में बेहतर और सेफ रिटर्न मिलता है.
देश का पहला ग्रीन बॉन्ड इंदौर निगम का
इं दौर ने जलापूर्ति सिस्टम के बिजली बिल के बढ़ते भार को कम करने के लिए सोलर एनर्जी प्रोजेक्ट तय किए और ग्रीन बॉण्ड से इनके लिए राशि जुटाई. उसे 661.52 करोड़ रुपए का अभिदान हासिल हुआ. निगम के एक बॉन्ड का मूल्य एक हजार रुपये है. देश के किसी निगम का यह पहला ग्रीन बॉण्ड था. इस राशि से खरगोन जिले के जलूद में नर्मदा किनारे प्लांट लगेगा.
क्या होगा इस राशि से
तालाबों में लगेंगे फ्लोटिंग सोलर प्लांट, मनुआभान की पहाड़ियों पर विंड एनर्जी प्रोजेक्ट लगेगा.
निगम को क्या होगा लाभ ?
भोपाल नगर निगम का खुद का मुख्यालय भवन ग्रीन बिल्डिंग कांसेप्ट है. इसलिए उसे इसी तरह के अन्य प्रोजेक्ट के लिए आसानी से राशि मिलने की उम्मीद है.
भोपाल में लगातार क्लीन एनर्जी प्रोजेक्ट पर काम हो रहा है. सरकार की मंशा के अनुसार भोपाल में ग्रीन बॉण्ड से राशि लेकर ग्रीन व क्लीन एनर्जी के नए प्रोजेक्ट शुरू होंगे. -मालती राय, महापौर
भोपाल न्यूज़ डेस्क !!!