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आयुष्मान भारत योजना में रिश्वत लेते डॉक्टर गिरफ्तार, फुटेज में जानें बिल पास करने के प्राइवेट अस्पताल से मांगे 14 लाख रुपए

आयुष्मान भारत योजना में रिश्वत लेते डॉक्टर गिरफ्तार, फुटेज में जानें बिल पास करने के प्राइवेट अस्पताल से मांगे 14 लाख रुपए

आयुष्मान भारत योजना में बिल पास कराने के एवज में रिश्वत मांगने के आरोप में एक डॉक्टर को अजमेर एसीबी ने गिरफ्तार किया है। डॉक्टर ने प्राइवेट अस्पताल से 14 लाख रुपए की मांग की थी और रकम न देने पर योजना बंद करने की धमकी दी थी। मामले की जांच और शिकायत के बाद एसीबी ने कार्रवाई करते हुए डॉक्टर को 11 लाख रुपए की रिश्वत लेते रंगे हाथों पकड़ लिया।

मामला भीलवाड़ा के भीमगंज थाना इलाके का है। एसीबी के डीएसपी नरपत सिंह ने बताया कि आयुष्मान भारत योजना में बिल पास करने के एवज में डॉ. पंकज छीपा ने प्राइवेट अस्पताल के मैनेजर से संपर्क किया और कहा कि “आपने पोर्टल पर जो बिल डाले हैं, उनमें अनियमितताएं हैं। यदि राशि नहीं दी गई तो योजना बंद कर दी जाएगी।”

इसके बाद अस्पताल के मैनेजर ने इस मामले की शिकायत अजमेर एसीबी में की। शिकायत की जांच के दौरान एसीबी ने गुप्त तौर पर कार्रवाई की और डॉक्टर को 11 लाख रुपए की रिश्वत लेते हुए गिरफ्तार कर लिया। गिरफ्तार की गई राशि में योजना के बिल पास कराने के लिए मांगी गई रकम शामिल थी।

एसीबी अधिकारियों ने बताया कि इस कार्रवाई से स्पष्ट संदेश गया है कि सरकारी योजनाओं में अनियमितताओं और रिश्वतखोरी को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। उन्होंने कहा कि डॉक्टरों और अस्पताल प्रबंधकों को यह समझना होगा कि योजना का दुरुपयोग करना और जनता की सरकारी सुविधाओं के साथ खिलवाड़ करना अपराध है।

आयुष्मान भारत योजना के तहत गरीब और मध्यमवर्गीय परिवारों को स्वास्थ्य बीमा और मुफ्त इलाज की सुविधा प्रदान की जाती है। ऐसे मामलों में रिश्वत लेने से योजना की विश्वसनीयता पर सवाल उठते हैं और आम जनता को लाभ नहीं मिल पाता। इसीलिए एसीबी ने त्वरित कार्रवाई करते हुए डॉक्टर को गिरफ्तार किया।

गिरफ्तार किए गए डॉक्टर के खिलाफ भीमगंज थाना क्षेत्र में औपचारिक मामला दर्ज कर आगे की कानूनी कार्रवाई शुरू कर दी गई है। एसीबी ने कहा कि मामले में अन्य संभावित संलिप्त लोगों की जांच भी की जाएगी।

सरकारी योजनाओं में भ्रष्टाचार और रिश्वतखोरी की घटनाएं आम हैं, लेकिन इससे बचने के लिए सख्त निगरानी और कार्रवाई आवश्यक है। इस गिरफ्तारी से यह संदेश जाता है कि अधिकारी योजनाओं के दुरुपयोग और भ्रष्टाचार के खिलाफ कटिबद्ध हैं।

इस मामले ने स्वास्थ्य और सरकारी योजनाओं में ईमानदारी और पारदर्शिता बनाए रखने की आवश्यकता पर भी ध्यान आकर्षित किया है। अस्पताल प्रबंधक ने भी इस कार्रवाई की सराहना की और कहा कि ऐसी घटनाओं के खिलाफ शिकायत करना जरूरी है ताकि सिस्टम में सुधार हो सके।

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