भरतपुर में गुर्जरों की महापंचायत कल, वीडियो में जानें कल सरकार को चिट्ठी देंगे

राजस्थान में एक बार फिर गुर्जर आंदोलन की सुगबुगाहट तेज हो गई है। सरकारी नौकरियों में 5 प्रतिशत आरक्षण के पूर्ण लाभ समेत अन्य लंबित मांगों को लेकर गुर्जर समाज ने मोर्चा खोलने की तैयारी कर ली है। इसी कड़ी में 8 जून को भरतपुर जिले के पीलूपुरा में एक बड़ी महापंचायत बुलाई गई है, जिसमें प्रदेशभर से गुर्जर समाज के प्रतिनिधि जुटेंगे।
महापंचायत को लेकर समाज के लोगों में खासा उत्साह और आंदोलनात्मक तेवर देखने को मिल रहे हैं। इसके लिए अलग-अलग जिलों में बैठकों और तैयारियों का दौर जारी है। इसी क्रम में आज गाजीपुर में एक अहम बैठक बुलाई गई है, जिसमें समाज के प्रमुख नेता और प्रतिनिधि शामिल होंगे। इस मीटिंग में महापंचायत की रणनीति, मुख्य मुद्दे और आगामी आंदोलन की दिशा पर चर्चा की जाएगी।
क्या हैं गुर्जर समाज की मुख्य मांगें?
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5% आरक्षण का पूर्ण क्रियान्वयन:
समाज की सबसे प्रमुख मांग सरकारी नौकरियों और शैक्षणिक संस्थानों में 5 प्रतिशत आरक्षण का वास्तविक लाभ दिलवाना है। उनका आरोप है कि भले ही कागजों में आरक्षण मिला हो, लेकिन जमीनी स्तर पर इसका प्रभाव नहीं दिख रहा है। -
पिछले आंदोलनों के शहीदों को न्याय:
पीलूपुरा, जहां 2008 में आंदोलन के दौरान कई जानें गई थीं, अब फिर से आंदोलन का केंद्र बन रहा है। समाज चाहता है कि उन शहीदों को सम्मान दिया जाए और दोषियों पर कार्रवाई हो। -
लंबित भर्तियों में आरक्षण का लाभ:
कई सरकारी भर्तियों में समाज को आरक्षण का लाभ नहीं मिला है, ऐसे मामलों की समीक्षा कर सुधार की मांग की जा रही है।
प्रशासन की बढ़ी चिंता
महापंचायत की घोषणा के बाद प्रशासन की चिंता बढ़ गई है। चूंकि पीलूपुरा गुर्जर आंदोलन का ऐतिहासिक केंद्र रहा है, प्रशासन किसी भी स्थिति से निपटने के लिए सुरक्षा रणनीति तैयार कर रहा है। जिला और पुलिस प्रशासन ने समाज के नेताओं से शांति बनाए रखने की अपील की है।
सामाजिक एकजुटता का प्रदर्शन
गुर्जर समाज की महापंचायत को केवल एक विरोध नहीं, बल्कि सामाजिक एकता और अधिकारों की लड़ाई के रूप में देखा जा रहा है। समाज के युवाओं से लेकर बुजुर्गों तक, सभी इसमें सक्रिय भूमिका निभा रहे हैं। सोशल मीडिया पर भी इसके समर्थन में अभियान चलाया जा रहा है।