
भरतपुर जिले के डीग क्षेत्र से एक सनसनीखेज मामला सामने आया है, जहां वाणिज्य कर विभाग के एक अधिकारी को रिश्वत मांगने के गंभीर आरोप के चलते निलंबित कर दिया गया है। संबंधित अधिकारी असिस्टेंट कमर्शियल टैक्स ऑफिसर (एसीटीओ) पद पर तैनात था। व्यापारी की शिकायत के बाद मामले की जांच हुई, जिसमें एसीटीओ की भूमिका संदिग्ध पाई गई। इसके बाद संयुक्त शासन सचिव नथमल डिडेल ने तुरंत प्रभाव से निलंबन के आदेश जारी किए।
मिली जानकारी के अनुसार, डीग में कार्यरत एक व्यापारी ने वाणिज्य कर विभाग के एसीटीओ पर अवैध रूप से रिश्वत मांगने का आरोप लगाया था। व्यापारी ने लिखित शिकायत के माध्यम से शासन को अवगत कराया कि अधिकारी ने उनके वैध व्यवसाय में बेवजह अड़चनें डालते हुए पैसों की मांग की। व्यापारी की शिकायत को गंभीरता से लेते हुए शासन ने तुरंत मामले की प्रारंभिक जांच के निर्देश दिए।
जांच के दौरान पुलिस और संबंधित विभागीय अधिकारियों ने सभी तथ्यों की छानबीन की। जांच में यह पाया गया कि एसीटीओ द्वारा कार्य प्रणाली में लापरवाही बरती गई और व्यापारी से अनौचित्यपूर्ण तरीके से लेन-देन की बात सामने आई। इसके बाद शासन ने यह स्पष्ट माना कि अधिकारी का आचरण सरकारी सेवा नियमों के विरुद्ध है।
संयुक्त शासन सचिव नथमल डिडेल ने इस आधार पर तत्काल प्रभाव से एसीटीओ को निलंबित करने के आदेश जारी कर दिए। शासन की ओर से यह भी कहा गया कि भ्रष्टाचार और सरकारी पद का दुरुपयोग किसी भी सूरत में बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।
विभागीय सूत्रों का कहना है कि अब इस मामले में विस्तृत विभागीय जांच की जाएगी और यदि अधिकारी दोषी पाया गया, तो सेवा से बर्खास्तगी जैसी कड़ी कार्रवाई भी संभव है। वहीं, व्यापारी वर्ग में इस निर्णय के बाद राहत की भावना देखी जा रही है और उन्होंने सरकार से पारदर्शी प्रशासन की दिशा में ऐसे और कदम उठाने की मांग की है।
यह मामला एक बार फिर से सरकारी महकमों में पारदर्शिता और जवाबदेही को लेकर बहस छेड़ गया है। खासतौर पर व्यापारिक वर्ग के बीच यह मांग जोर पकड़ रही है कि ऐसे अधिकारियों पर सख्त कार्रवाई की जाए, ताकि भ्रष्टाचार पर अंकुश लगाया जा सके और आमजन को न्याय मिल सके।
फिलहाल, निलंबित एसीटीओ के खिलाफ विभागीय जांच शुरू हो चुकी है और आगामी दिनों में इस मामले में और भी खुलासे होने की संभावना जताई जा रही है।