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Bhagalpur सावन पर चमकेगा बाजार, अबकी पांच सौ करोड़ रुपये का हो जाएगा कारोबार
 

Rishikesh सावन के सोमवार पर मंदिरों में उमड़ा आस्था का सैलाब


बिहार न्यूज़ डेस्क सावन को लेकर अब बाजार सजने लगेंगे. इस बार आठ सोमवारी है. इस कारण बाजार पांच सौ करोड़ी होने की संभावना है. व्यापारियों में भी उत्साह है और जल्द ही देश की विभिन्न जगहों से कपड़ों का स्टॉक करेंगे.
सावन में भागलपुर में 40 तो सुल्तानगंज में 60 प्रतिशत बाजार होता है. रेडीमेड होजियरी एसोसिएशन के अध्यक्ष रामगोपाल पोद्दार ने बताया कि कांवरियों को एक जोड़ी गमछा में 160 से 300, एक जोड़ी टीशर्ट में 300 से 800, एक जोड़ी गंजी में 180 से 300, एक जोड़ी जंघिया में 200 से 400 रुपये खर्च उठाना पड़ता है. जलभरनी बाजार में 20 से 30 रुपये पीस तो कांवर 300 से 500 रुपये पीस मिलता है. सीए प्रदीप कुमार झुनझुनवाला ने बताया कि पिछले साल से इस बार अधिक कारोबार होने की संभावना है. पिछले साल 400 करोड़ के आसपास कारोबार हुआ था. इस बार पांच सौ करोड़ी बाजार होगा.

सभी चापाकल ठीक होंगे
सुल्तानगंज से कांवरिया पथ के बीच के तमाम खराब चापाकल चालू होंगे और शौचालयों की मरम्मत, सफाई और हर समय पानी की सुविधा रहेगी. डीएम ने असियाचक, कामराय और धांधी-बेलारी में स्थायी शौचालय और सीढ़ीघाट पर स्थित यूरिनल की मरम्मत और सफाई का कार्य मेला पूर्व कराने के निर्देश दिए.
निर्बाध बिजली मिलेगी
मेला अवधि के दौरान दो माह तक लगातार बिजली की व्यवस्था सुल्तानगंज क्षेत्र में रहेगी. इसके लिए प्रशासन ने ऊर्जा विभाग के सचिव को पत्र लिखने को कहा है. डीएम ने बिजली विभाग के कार्यपालक अभियंता को कहा कि वे खराब ट्रांसफार्मर की मरम्मत कराकर मेला अवधि में निर्बाध आपूर्ति बहाल कराएं.
सीढ़ी घाट पर वीआईपी यूरिनल और टॉयलेट बनेंगे
इस बार भी सीढ़ी घाट पर वीआईपी कांवरियों के लिए टॉयलेट और यूरिनल प्वाइंट का निर्माण कराया जाएगा. इसके लिए पीएचईडी के कार्यपालक अभियंता को जिम्मेदारी दी गई है. मेला क्षेत्र में पीएचईडी और नगर परिषद द्वारा लगाए गए चापाकलों के अलग-अलग रंग होंगे.

 इस बार दोमासी श्रावणी मेला के आयोजन पर संभावित खर्च और प्रशासनिक प्रबंधन के लिए चार विभागों से राशि मांगी जाएगी. डीएम के निर्देश के बाद सामान्य शाखा इन विभागों से राशि की मांग की तैयारी में है. शाखा के अधिकारी व कर्मचारी पशोपेश में हैं कि किस विभाग से कितनी राशि मांगी जाए. डीएम ने मेला के आयोजन के लिए राजस्व व भूमि सुधार विभाग, पर्यटन विभाग, कला संस्कृति एवं युवा विभाग और बिहार टूरिज्म डेवलपमेंट कॉरपोरेशन से राशि मांगने का निर्देश दिया था.
मेला के आयोजन के लिए कई निजी लोगों की जमीन भी उपयोग में आती है. ऐसे में उन्हें प्रशासन मुआवजा भी देता है. पार्किंग और अन्य सुविधाओं के लिए बंदोबस्त में हुए खर्च के लिए राजस्व व भूमि सुधार विभाग से निधि मांगी जाएगी. जबकि श्रावणी मेला को राजकीय दर्जा मिलने के चलते उद्घाटन व अन्य समारोह पर संभावित खर्च की पूर्ति के लिए पर्यटन विभाग से राशि मांगी जाएगी.

भागलपुर न्यूज़ डेस्क
 

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