बिहार न्यूज़ डेस्क भारत निर्वाचन आयोग के निर्देश पर बिहार में चुनाव प्रक्रिया से संबंधित समस्याएं एवं जानकारी को लेकर एंड लाइन सर्वे पूरा हो गया. गोपनीय तरीके से कराए गए इस सर्वे के दौरान मतदाताओं की समस्याओं को विशेष तौर पर सुना गया, ताकि आगे होने वाले चुनावों में इन्हें दूर किया जा सके.
गौर हो कि प्रारंभ में एंड लाइन सर्वे की अंतिम तिथि 31 अगस्त थी, लेकिन राज्य के बाढ़ प्रभावित, जलजमाव वाले एवं बाधाओं के कारण कई विधानसभा क्षेत्रों में सर्वेक्षण कार्य पूरा नहीं हो पाने के कारण सर्वेक्षण की तिथि 8 तक बढ़ाई गई थी. बिहार के मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी कार्यालय से मिली जानकारी के अनुसार आयोग ने सभी विधानसभा क्षेत्रों के चार-चार बूथों पर एंड लाइन सर्वे का काम पूरा कर लिया है.
मालूम हो कि एंड लाइन सर्वे किसी भी लोकसभा चुनाव के बाद चुनाव आयोग के दिशा-निर्देश पर कराया जाता है. वहीं, लोकसभा चुनाव के पूर्व भी चुनाव आयोग की ओर से बेसलाइन सर्वे कराया जाता है.
सर्वेक्षण के दौरान सभी विधानसभा क्षेत्रों के चार-चार बूथों पर मतदाता सूची से निबंधित मतदाताओं ने अधिकारियों को विभिन्न मुद्दों पर फीडबैक दिया. इसमें मतदाताओं ने मतदान केंद्रों पर धूप से बचने के लिए पर्याप्त व्यवस्था नहीं होने, मतदाता पर्ची समय पर उपलब्ध नहीं होने की भी जानकारी दी है. वहीं, कई मतदाताओं ने मतदान के दौरान सुरक्षा की चाक-चौबंद व्यवस्था, बूथों पर पेयजल, रोशनी, दिव्यांगजनों के लिए उपलब्ध करायी गयी सुविधाओं की सराहना भी की. जानकारी के अनुसार, बेहद गोपनीय तरीके से मतदाताओं के बीच सर्वेक्षण कराया गया है. इसमें सभी जिलों के उप निर्वाचन पदाधिकारी एवं सहायक जिला निर्वाचन पदाधिकारी को जिम्मेदारी सौंपी गयी थी.
आंकड़ों का होगा विश्लेषण
निर्वाचन विभाग के आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि सर्वेक्षण से प्राप्त आंकड़ों का विश्लेष्ण किया जाएगा. इस विश्लेषण के आधार पर चुनाव संबंधी मतदाताओं से प्राप्त रुझान एवं सुझाव और शिकायतों को चुनाव आयोग से साझा किया जाएगा.
भागलपुर न्यूज़ डेस्क