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Bhagalpur नवजातों को रेफर करने में बांका से आगे है भागलपुर,  भागलपुर की तुलना में बांका जिले में नवजात की मौत हाल के दिनों में ज्यादा
 

Bhagalpur नवजातों को रेफर करने में बांका से आगे है भागलपुर,  भागलपुर की तुलना में बांका जिले में नवजात की मौत हाल के दिनों में ज्यादा


बिहार न्यूज़ डेस्क  संसाधन के मामले में मायागंज अस्पताल के बराबर ही सदर अस्पताल है. डॉक्टर अगर कम हैं तो सदर अस्पताल के शिशु रोग विशेषज्ञों पर इंडोर सेवा का भार नहीं है. बावजूद सदर अस्पताल में इलाज के लिए भर्ती हो रहे नवजात बड़ी संख्या में बेहतर इलाज के नाम पर मायागंज अस्पताल रेफर किये जा रहे हैं. आलम यह है कि भागलपुर जिले के एसएनसीयू में भर्ती होने वाले नवजातों के रेफर का आंकड़ा पड़ोसी जिला बांका से भी ज्यादा है.

सदर अस्पताल भागलपुर व बांका के एसएनसीयू के आंकड़ों पर अगर गौर करें तो पता चलता है कि भागलपुर सदर अस्पताल के एसएनसीयू में अप्रैल 2022 से फरवरी 2023 के बीच कुल 1070 नवजात इलाज के लिए भर्ती किये गये. इनमें से 44.85 प्रतिशत यानी 480 नवजातों को यहां के डॉक्टरों ने बेहतर इलाज के नाम पर मायागंज अस्पताल रेफर कर दिया. ये दीगर है कि इनमें से 213 नवजात इलाज के लिए यहीं के डॉक्टरों के क्लीनिक में चले गये. वहीं अगर हम बांका जिले के सदर अस्पताल स्थित एसएनसीयू की बात करें तो यहां पर अगस्त 2022 से जनवरी 2023 के बीच कुल 516 नवजात इलाज के लिए भर्ती हुए. इनमें से 21.12 प्रतिशत यानी 109 नवजातों को डॉक्टरों ने बेहतर इलाज के नाम पर मायागंज अस्पताल के लिए रेफर कर दिया.
भागलपुर सदर अस्पताल के 12 बेड वाले एसएनसीयू में अप्रैल 2022 से फरवरी 2023 के बीच भर्ती हुए कुल 1070 नवजात में से महज दो नवजातों की मौत हुई. यानी इस अवधि में एसएनसीयू में भर्ती होने वाले नवजातों की मृत्यु दर महज 0.18 प्रतिशत रही. जबकि बांका जिले के सदर अस्पताल स्थित 12 बेड वाले एसएनसीयू की बात करें तो यहां पर अगस्त 2022 से जनवरी 2023 के बीच भर्ती हुए कुल 516 नवजातों में से 30 नवजातों की इलाज के दौरान मौत हो गयी. यानी इस अवधि में एसएनसीयू में भर्ती होने वाले नवजातों की मृत्यु दर 5.81 प्रतिशत रही.
समीक्षा में पाया गया कि लो बर्थ वेट (1200 ग्राम से कम वजनी) नवजात को रेफर करने का ट्रेंड भागलपुर में ज्यादा है. मौत का कारण वेरी लो बर्थ वेट व बर्थ एस्फिसिया जैसी बीमारी है.
-रुप नारायण शर्मा, आरपीएम
संसाधन में आगे, फिर क्यों किया जा रहा रेफर
सदर अस्पताल भागलपुर में जहां तीन शिशु रोग विशेषज्ञ, 12 बेड का एसएनसीयू व दस बेड का पीकू वार्ड (विक्टोरिया भवन में बना है, लेकिन संचालित नहीं) है. जबकि बांका सदर अस्पताल में दो शिशु रोग विशेषज्ञ, 12 बेड का एसएनसीयू है. दोनों अस्पतालों के शिशु रोग विशेषज्ञों पर इंडोर शिशु रोग विभाग का जिम्मा नहीं है. एसएनसीयू सदर अस्पताल भागलपुर में भर्ती हो रहे नवजात का वजन अगर 1200 ग्राम से कम हो गया तो डॉक्टर बिना कुछ जाने-बूझे ही सीधे मायागंज अस्पताल रेफर कर देते हैं.

भागलपुर न्यूज़ डेस्क

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