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Bhagalpur मूल्य कम रहने से पैक्सों को गेहूं नहीं बेच रहे किसान

Indore दागदार गेहूं भी खरीदे समितियां, केंद्र सरकार ने राज्य सरकार को दिया आदेश

बिहार न्यूज़ डेस्क प्रखंड की सभी नौ पंचायतों के पैक्सों में एक छटांक गेहूं खरीद नहीं की गयी है. 15 मार्च से ही गेहूं अधिप्राप्ति की तिथि निर्धारित है. डेढ़ माह बीत गए. इसके बावजूद एक छटाँक गेहूं की खरीद नहीं हुई है. राज्य सरकार ने 2275 रुपये प्रति क्विंटल न्यूनतम समर्थन मूल्य निर्धारित किया है जबकि व्यापारी खेतों से ही 2400 रुपये से 2500 रुपये प्रति क्विंटल गेहूं की खरीदारी कर रहे हैं.

वह भी गेहूं की राशि भी नगद भुगतान तौल के तुरंत बाद कर दिया जा रहा है. पैक्स अध्यक्ष कह रहे हैं कि राज्य सरकार को पैक्स तथा व्यापार मंडल के माध्यम से गेहूं क्रय करने की मंशा ही नहीं है. पैक्सों में गेहूं बेचने के लिए किसानों को अपने ही जूट के बोरे में गेहूं भरकर अपने ही खर्च से पैक्स गोदाम तक पहुंचाना होता है. जूट की बोरी की कीमत 35 रुपये से 40 रुपये तथा पैक्स गोदाम तक गेहूं को लाने में 10 रुपये से 20 रुपये प्रति क्विंटल मार्ग व्यय वहन करना पड़ता है. जबकि, बिना किसी परेशानी के समर्थन मूल्य से अधिक कीमत बिना किसी अतिरिक्त खर्च के किसानों को मिल रही है. यदि किसानों को 250 रुपये प्रति क्विंटल बोनस देने का प्रावधान सरकार करती तो गेहूं विक्रेता किसान पैक्स को गेहूं देने के लिए प्रेरित होते.

सभी नौ पैक्सों को गेहूं क्रय के चिह्नित किया गया है और गेहूं क्रय के लिए सीसी ही किया गया है. 17 किसानों ने गेहूं बेचने के लिए ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन कराया है. बीसीओ मिराज आलम ने बताया कि पैक्स के माध्यम से गेहूं अधिप्राप्ति की प्रक्रिया की जा रही है. क्रय केन्द्र प्रतिदिन खुल रहें हैं. विक्रेता किसानों का प्रतिदिन इंतजार कर शाम को बैरंग वापस चले जाते हैं. विक्रेता किसानों के खेतों तथा घरों पर जाकर पैक्स में गेहूं देने का अनुरोध किया जा रहा है पर किसान अधिक कीमत की बात कर व खाने के लिए रखने की बात कह कीमत में इजाफा होने पर बेचने की बात कह टरका दे रहे हैं. एक ओर विभाग गेहूं अधिप्राप्ति के लिए दबाव बना रहा है तो दूसरी ओर किसान वर्तमान न्यूनतम समर्थन मूल्य पर गेहूं देने के लिए तैयार नहीं है. ऐसी परिस्थिति में पैक्स गोदाम खाली पड़े हैं तथा व्यापारियों के गोदाम गेहूं से भरे हैं. विभागीय स्तर पर किये गए सभी प्रयास बेनतीजा साबित हो रहे हैं. प्रखंड के सभी नौ पैक्सों द्वारा अब तक एक भी छटांक गेहूं का क्रय नहीं हो पाया है.

 

भागलपुर न्यूज़ डेस्क

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