बिहार न्यूज़ डेस्क स्मार्ट प्रीपेड मीटर लगाने वाले बिजली उपभोक्ताओं के लिए राहत भरी खबर है. मीटर लगाते समय जो बकाया होगा, उसकी वसूली अब 300 दिनों के बदले मासिक औसत खपत के आधार पर होगी. तीन महीने के खपत का जो औसत होगा, उसका मात्र 25 फीसदी राशि ही महीने में वसूली जाएगी.
साउथ बिहार पावर डिस्ट्रीब्यूशन कंपनी लिमिटेड ने इस व्यवस्था को तत्काल प्रभाव से लागू कर दिया है. आने वाले दिनों में उत्तर बिहार में भी यह सुविधा लागू हो जाएगी. कंपनी अधिकारियों के अनुसार शहरी क्षेत्र के बाद ग्रामीण इलाकों में भी स्मार्ट प्रीपेड मीटर लगाए जा रहे हैं. चूंकि ग्रामीण इलाकों में भारी मात्रा में बिजली बिल बकाया है. ग्रामीण इलाकों में कंपनी का उपभोक्ताओं पर 10 हजार करोड़ बकाया है. कई ऐसे उपभोक्ता हैं जिन पर वर्षों का बिजली बिल बकाया है.
ऐसे में जब स्मार्ट मीटर लगने के बाद सीमित समय यानी 300 दिनों में उसकी वसूली प्रक्रिया शुरू की गई तो वह उपभोक्ताओं के लिए आर्थिक परेशानी का सबब बन गया. स्थिति यह हो गई कि उपभोक्ता जितनी मासिक बिजली खपत नहीं करते हैं उससे अधिक राशि बकाया के तौर पर वसूल की जाने लगी. इस कारण लोगों में असंतोष पनपने लगा. लोगों के मन में यह भ्रांति उत्पन्न हो गई कि स्मार्ट प्रीपेड मीटर में अधिक बिजली खपत हो रही है. इसे देखते हुए ही कंपनी ने बकाया वसूली के नियम को शिथिल कर दिया है.
लोड बढ़ाने का भी दिया जा रहा संदेश
तय लोड से अधिक बिजली खपत करने पर जुर्माना का प्रावधान है. कंपनी ने अभी इस नियम को भी छह महीने के लिए शिथिल कर दिया है. अधिक खपत करने वाले उपभोक्ताओं को संदेश भेजकर जागरूक किया जा रहा है कि वे अपने घर का लोड बढ़ा लें वरना उन्हें भविष्य में जुर्माना देना पड़ सकता है. कंपनी का मैसेज मिलने पर हजारों उपभोक्ताओं ने अपने घर का लोड बढ़ा लिया है.
अगर कोई उपभोक्ता का मासिक खपत 100 रुपये है तो उनसे बकाए के तौर पर मात्र 25 रुपये ही वसूले जाएंगे. इससे कोई फर्क नहीं पड़ता है कि उपभोक्ता पर कंपनी का कितना बकाया है. कंपनी ने उपभोक्ताओं को यह सुविधा देना शुरू कर दिया है.
-महेन्द्र कुमार, प्रबंध निदेशक, साउथ बिहार पावर डिस्ट्रीब्यूशन कंपनी लिमिटेड
भागलपुर न्यूज़ डेस्क