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Bhagalpur सीओपीडी के पीड़ितों की उड़ रही है रातों की नींद,सीओपीडी की बीमारी के लक्षण

Pulwama गैर-धूम्रपान करने वालों में फेफड़ों के कैंसर के मामलों में वृद्धि के लिए खराब वायु गुणवत्ता जिम्मेदार है: डीएके
 

बिहार न्यूज़ डेस्क  बढ़ते प्रदूषण के बीच धूम्रपान का शौक फेफड़ों के लिए जहर बन रहा है. इस तरह के लोग अब सीओपीडी यानी ऑब्सट्रक्टिव पल्मोनरी डिजीज का शिकार बन रहे हैं. जवाहर लाल नेहरू मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल के टीबी एंड चेस्ट विभाग के अध्यक्ष डॉ. शांतनु कुमार घोष कहते हैं कि सीओपीडी के मरीजों में ऑक्सीजनेशन (फेफड़े द्वारा हवाओं से हाइड्रोजन को छोड़कर ऑक्सीजन लेने की प्रक्रिया) खराब मिल रहे हैं. इससे वे रातों में नींद न आने की शिकायत करते हैं. आगे चलकर यही अनिद्रा की बीमारी उन्हें तनाव का शिकार बना रही है. ऐसे में सीओपीडी के मरीजों को नींद नही आती है तो तत्काल चिकित्सक से मिलकर गर्दन और एपवर्थ स्लीपनेस स्केल का मापन व पालीसोम्नोग्राफी करा लें. इस समस्या को नजरंदाज करना महंगा पड़ सकता है. वरीय फिजिशियन डॉ. डीपी सिंह कहते हैं कि जब तक सीओपीडी के मरीजों में सीओपीडी का लक्षण दिखता है और तब तक उसके अस्पताल पहुंचने की नौबत आ चुकी होती है. उस वक्त तक उसके 50 प्रतिशत तक फेफड़े खराब हो चुके होते हैं. आमतौर पर चिकित्सक सीओपीडी को मामूली बीमारी या फिर अस्थमा समझकर सिर्फ फेफड़े का एक्स-रे कराते हैं. जबकि सीओपीडी फेफड़े की यह गंभीर बीमारी के लिए लिए स्पाइरोमेट्री जांच सबसे अहम है.


 13 प्रतिशत मरीजों नींद न आने की समस्या से हैं पीड़ित
जेएलएनएमसीएच यानी मायागंज अस्पताल में हर माह औसतन 450 से 500 मरीज सीओपीडी का इलाज के लिए आते हैं. इनमें से तकरीबन 13 प्रतिशत मरीजों में अनिद्रा की शिकायत मिल रही है. डॉ. शांतनु घोष कहते हैं कि अगर समय रहते इस समस्या का निदान न किया जाये तो मरीज आगे चलकर हाईपरटेंशन, हृ़दय रोग, शुगर यहां तक डिप्रेशन का शिकार बन सकता है. शहर के संकरी सड़कों पर वाहनों से निकलने वाले धुएं लोगों के फेफड़े में जाकर उन्हें सीओपीडी का शिकार बना रहे हैं.
बीमारी के ये रहे मुख्य कारण
● धूम्रपान अथवा धूम्रपान वाले के संपर्क में रहना,प्रदूषित हवा, सर्दियों की धुंध
● प्रदूषित वातावरण में काम करना
● सड़कों पर उड़ती हुई धूल
● कोयले, लकड़ी, कूड़ा और उपले का धुआं
20 सीढ़ी चढ़ने पर सांस फूले तो खतरा
● सूखी या बलगम के साथ होने वाली खांसी
● गले में घरघराहट का होना
● सांस लेने में तकलीफ जो काम करने पर और भी बढ़ती है
● छाती में जकड़न या खिंचाव महसूस होना
अगर आप 20 सीढ़ी भी चढ़ रहे हैं और आपकी सांसें फूल रही हैं या फिर एक्सरसाइज करते वक्त थकान महसूस हो तो यह लक्षण आपको सीओपीडी (क्रॉनिक ऑब्स्ट्रेक्टिव पल्मोनरी डिजीज) होने का इशारा कर रहा है. ये सीओपीडी के प्रारंभिक लक्षणों में से एक है.

भागलपुर न्यूज़ डेस्क
 

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