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Begusarai खेतों में खाद व घरों में रसोई गैस की व्यवस्था कर रहीं महिलाएं

Siwan  हल, बल व ट्रैक्टर के साथ खेतों की जुताई में जुटे किसान, अब-तक 2230 क्विंटल गेंहू का बीज हुए प्राप्त, एक लाख हेक्टेयर में होगी बुआई
 

बिहार न्यूज़ डेस्क गांव की महिलाओं ने जब कुछ कर दिखाने को मन में ठाना तो अपने घर- आंगन को ही उद्यम का केंद्र बना लिया. अपने घरों में चूल्हे जलाने के लिए खुद के हाथों रसोई गैस की व्यवस्था करने लगी हैं. खेतों के लिए कंपोस्ट खाद का भी व्यापारिक पैमाने पर उत्पादन कर आर्थिक समृद्धि की ओर बढ़ रही हैं. बछवाड़ा गांव में आइओसीएल व बरौनी डेयरी के सहयोग से कुल 50 बायोगैस संयंत्र की स्थापना की गई है. इन बायोगैस संयंत्र के संचालन का जिम्मा महिला दुग्ध समिति से जुड़ी स्थानीय महिला पशुपालकों को सौंपा गया है.
बायोगैस प्लांट चला रही महिलाओं ने बताया कि एक संयंत्र स्थापित करने में उन्हें कुल 29 हजार रुपये पूंजी की जरूरत पड़ती है. इनमें बरौनी डेयरी व आइओसीएल की ओर से 50 यानी 14500 रुपये का अनुदान दिया जा रहा है. बची राशि की भरपाई बायोगैस संयंत्र के अपशिष्ट कंपोस्ट खाद को पशुपालकों से खरीद कर ही बरौनी डेयरी द्वारा कर ली जाती है. महिला पशुपालकों ने बताया कि बायोगैस संयंत्र के जरिए रसोई गैस व कंपोस्ट खाद के उत्पादन के लिए उन्हें अलग से कोई काम नहीं करना पड़ता है. इसके लिए पशुओं के गोबर उनके घर पर ही आसानी से उपलब्ध हो जाते हैं.

बायोगैस प्लांट में 20 वाट का एक मोटर लगा होता है
करीब 20 किलोग्राम गोबर से एक टाइम खाना पकाने के लिए पर्याप्त रसोई गैस प्राप्त हो जाती है. बायोगैस प्लांट में लगे बैलून से सीधे चूल्हे तक गैस को पहुंचाने के लिए 20 वाट का एक मोटर लगा होता है. इस मोटर के जरिए चूल्हे तक गैस की सतत आपूर्ति होती रहती है और काफी अच्छी लौ के साथ चूल्हे जलते हैं. विधाता देवी, बबिता देवी, उषा देवी, अन्नू देवी, कल्पना देवी, इंदिरा देवी, गीता देवी आदि महिलाओं ने बताया कि उनके घर में जब से बायोगैस संयंत्र लगा है तब से रसोई गैस के लिए उनकी महंगी एलपीजी गैस सिलेंडर पर निर्भरता खत्म हो चुकी है.


बेगूसराय न्यूज़ डेस्क 
 

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