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Begusarai नहर प्रणालियों से जल वितरण की निगरानी नई तकनीक से होगी

Thane बुधवार को ठाणे के कुछ हिस्सों में पानी नहीं है, जल नियोजन के कारण 24 की जगह 12 घंटे पानी बंद

बिहार न्यूज़ डेस्क सूबे की नहर प्रणालियों में स्काडा सिस्टम लगेंगे. जल संसाधन विभाग इसकी तैयारी में है. इसकी व्यापक कार्ययोजना बनाकर इस पर काम प्रारंभ होगा. माना जा रहा है कि इससे नहर प्रणालियों को न केवल बेहतर बनाया जा सकेगा, बल्कि सिंचाई के लिए पानी का वितरण भी सही ढंग से होगा और जल की बर्बादी भी कम होगी. मुख्यालय स्तर पर पानी के वितरण की निगरानी हो सकेगी.

विभाग के अनुसार इस योजना का मकसद जल जीवन हरियाली और हर खेत तक सिंचाई के उद्देश्यों को पूरा करना है. नहर प्रणालियों में स्काडा सिस्टम लगाए जाने के बाद नहरों से पानी के वितरण में 20 फीसदी की बढ़ोतरी हो सकेगी. इस योजना में नहरों की व्यवस्था तो सुधरेगी ही, उसके उपनहरों और वितरणियों के माध्यम से भी पानी का समुचित वितरण होगा. साथ ही सुदूर इलाकों में भी पानी पहुंचाना सहज हो सकेगा.

क्या है स्काडा सिस्टम स्काडा (सुपरवाइज़री कंट्रोल एंड डेटा एक्विजिशन सिस्टम) सिस्टम यह एक कंप्यूटर आधारित अत्याधुनिक मॉनिटरिंग सिस्टम है. इसका उपयोग किसी प्रकार की प्रक्रियाओं की निगरानी और नियंत्रण के लिए किया जाता है. यह सॉफ्टवेयर सिस्टम की निगरानी और नियंत्रण के लिए डेटा संचार, ग्राफिकल यूजर इंटरफेस और विस्तारित प्रबंधन का उपयोग करता है. यह सिस्टम सेंसरों से जुड़ा होता है, जो निगरानी करते हैं. साथ ही यह सिस्टम वास्तविक समय में डेटा इकह्वा करता है और उसका विश्लेषण करता है. मुख्यालय में या फिर कहीं भी बैठकर किसी स्थान की निगरानी की जा सकती है.

प्रवाह का वास्तविक आंकड़ा पा सकता है. इससे क्षेत्रीय व्यवस्था की भी मॉनिटरिंग हो सकेगी. यदि कहीं कोई समस्या है तो उसकी जानकारी तत्काल अधिकारियों को दे सकता है.

गंडक नहर प्रणाली

गंडक नदी के वाल्मीकिनगर बराज से पूर्वी व पश्चिमी गंडक नहर प्रणाली को जलापूर्ति. यहां से पूर्वी व पश्चिमी चंपारण, मुजफ्फरपुर, वैशाली, गोपालगंज, सीवान व सारण जिले को सिंचाई के लिए पानी मिलता है.

सोन नहर प्रणाली

सोन नदी पर इन्द्रपुरी बराज से पूर्वी व पश्चिमी सोन नहर प्रणाली को जलापूर्ति. यहां से औरंगाबाद, गया, अरवल, पटना, रोहतास, कैमूर, बक्सर और भोजपुर जिले के सिंचाई के लिए पानी मिलता है.

कोसी नहर प्रणाली

कोसी नदी के वीरपुर बराज से पूर्वी व पश्चिमी नहर प्रणाली. यहां से सुपौल, सहरसा, खगड़िया, पूर्णिया, अररिया, कटिहार, मधेपुरा व दरभंगा जिले को सिंचाई के लिए पानी मिलता है.

4415 करोड़ की आएगी लागत

क्यों है आवश्यक

स्काडा सिस्टम से नहर प्रणालियां अत्याधुनिक तकनीक से लैस होंगी. यही नहीं उनकी वैज्ञानिक तरीके से मॉनिटरिंग भी हो सकेगी. दरअसल, इस समय सूबे के कई नहर काफी खराब स्थिति में हैं. कई अपनी क्षमता के अनुसार खेतों तक पानी नहीं पहुंचा पा रहे हैं. कई नहर जर्जर हो चुके हैं तो कई क्षतिग्रस्त हैं. इससे पर्याप्त मात्रा में पानी होने के बावजूद सिंचाई के समय किसानों को जरूरत के अनुसार पानी नहीं पहुंच पा रहा है. इसकी मॉनिटरिंग मुख्यालय स्तर से ढंग से नहीं हो पाती. स्काडा सिस्टम लगने के बाद इन सब समस्याओं से मुक्ति मिल जाएगी.

 

 

बेगूसराय न्यूज़ डेस्क 

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