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Begusarai स्क्रैप हो चुकी बरौनी थर्मल की पुराने इकाई का उठेगा मुद्दा

मुद्दा

बिहार न्यूज़ डेस्क बरौनी एनटीपीसी के स्टेज एक की 110 मेगावाट क्षमता वाली छठी व सातवीं इकाई को अघोषित रूप से स्क्रैप हो जाने के बाद स्थानीय लोगों ने काफी पुराने व जर्जर हो चुके उक्त दोनों इकाई को हटा इसके बदले में अधिक क्षमता वाले नई इकाई लगाने की मांग की है. आने वाले लोकसभा चुनाव में यह मुद्दा जोर-शोर से उठेगा ताकि बिहार को बिजली और स्थानीय हजारों युवाओं को रोजगार मिल सके. बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री श्रीकृष्ण सिंह ने वर्ष 1958 में बरौनी थर्मल वाष्प शक्ति प्रतिष्ठान की नींव रखे थे. एक समय था जब बरौनी थर्मल बिजली उत्पादन के क्षेत्र में एशिया भर में बेहतर प्रदर्शन किया था. लेकिन अब उक्त इकाई को काफी पुराने व जर्जर हो जाने की वजह से संचालन करने में परेशानी हो रही है. बताया जाता है कि उक्त इकाई को काफी पुराने व कम क्षमता का रहने की वजह से इसकी संचालन में आमदनी अठन्नी खर्च रुपया वाली कहावत सामने आ रही है. इतना ही नहीं संचालन के दौरान इसका पार्ट-पुर्जा अगर क्षतिग्रस्त होता है, तो वह बाजार में उपलब्ध नहीं रहने से परेशानी का भी सामना करना पड़ता है. सूत्र बताते हैं कि 15 वर्ष पूर्व से हाल के कुछ वर्षों तक उक्त इकाई में जीर्णोद्धार के नाम पर लगभग 536 करोड़ से अधिक राशि खर्च होने के बावजूद सही ढंग से नहीं चल पा रही है. बताया जाता है कि 110 मेगावाट क्षमता वाली उक्त दोनों इकाई में से सातवीं इकाई उम्मीद से भी बहुत कम विद्युत उत्पादन हुई जबकि छठी इकाई का किसी तरह केवल श्रीगणेश हो सका. वर्ष 2018 में बरौनी थर्मल का संचालन बिहार सरकार के द्वारा एनटीपीसी को सौंपने के बाद भी उक्त इकाई से बिजली उत्पादन के मामले में कोई परिवर्तन नहीं दिख रहा है. आज भी उक्त दोनों इकाई पिछले एक वर्ष से बंद पड़ी है. इससे पहले जब भी उक्त इकाई को जब कभी भी चलाने की कोशिश की गई, तो लाइटप होने के कुछ ही घंटों बाद विभिन्न तकनीकी समस्याओं की वजह से बंद हो जाती रही है.

करोड़ों की राशि खर्च होने के बावजूद नहीं हो सका विद्युत उत्पादन निरंजन. राज्य सरकार जब बरौनी थर्मल का संचालन के लिए एनटीपीसी को सौंपा, तो एनटीपीसी ने उस समय इससे सौ प्रतिशत विद्युत उत्पादन करने का दावा किया था, बावजूद ऐसा नहीं हो सका है. भारतीय मजदूर संघ के जिलाध्यक्ष निरंजन सिंह ने बताया कि श्रम विकास योजना के तहत 15 वर्षों में करोड़ों रुपए लगाए जाने के बावजूद इससे विद्युत उत्पादन नहीं होना चिंता का विषय है.

यूनियन नेता गंगा राय ने कहा कि एनटीपीसी बरौनी का विद्युत उत्पादन की क्षमता कहने के लिए भले ही 720 मेगावाट है, लेकिन स्टेज दो के 0 मेगावाट क्षमता वाले आठवीं व नौवीं इकाई से 500 मेगावाट ही विद्युत उत्पादन हो पा रहा है.

 

 

बेगूसराय न्यूज़ डेस्क 

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