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Begusarai ऐ चचा, वोट देने के पहिले दिल नहीं, दिमाग से सोचिए

Kullu मतदाताओं से अपील, वोट के बदले नोट न लें

बिहार न्यूज़ डेस्क शाम में ट्रेनें अपनी रफ्तार में गुजर रही हैं.  के कारण यात्रियों की आवाजाही आम दिनों से ज्यादा है. स्टेशन के बाहर चाय और नाश्ते की दुकान पर अलग-अलग जिलों के लोगों की भीड़ है. कोई चंद्रकला चट करने में, तो कोई रसलुल्ला पर टूटे हुए. ज्यादातर लोगों के हाथ में चाय की कुल्लड़ है. लोग चुनावी गणित सुलझाने के मोड में हैं.

चाय की चुस्की लेते 55 साल के रमेश प्रसाद ने बगल वाले व्यक्ति से पूछा- इस बार लोकसभा चुनाव में रिजल्ट कैसा रहेगा. बगलगीर गंभीर होते हुए बोले-कुछ कहा नहीं जा सकता. लेकिन बहुत चौंकाने वाला रिजल्ट नहीं ही रहेगा. रमेश प्रसाद ने फिर सवाल उछाला..तो क्या चुनाव में महंगाई और रोजगार मुद्दा नहीं होगा? रसगुल्ला साफ करते हुए दिनेश्वर झा भी अब चुनावी चर्चा में शामिल हो चुके थे. उन्होंने कहा कि महंगाई-तहंगाई कोई देख रहा है. देश न देखना है जी.

इनलोगों की बात गौर से सुन रहे  साल के रमण से अब रहा न गया. रमण ने पूछा-ऐ चचा...वोट देने के पहिले कुछो सोचते हैं कि नहीं? आप लोगों के सामने तो हम बहुत बच्चा हैं. लेकिन एक बात कहना चाहते हैं चचा- वोट देने के पहले दिल नहीं दिमाग से सोचिए. हम तो यही कहेंगे कि काम करने वाले नेता को ही वोट दीजिए, तो कुछ भला हो. पीछे खड़े 65 साल के रमेश चंद्र बोले- ठीके कह रहे हो बाबू.... लेकिन कोई काम देख रहा है क्या? सब राजनीतिक दल वाला जाति और धरम के हिसाब से टिकट बांट रहा है. प्रत्याशी भले ही दागदार काहे नहीं है, लेकिन अपनी जाति का है न? बस..इसी बात पर हमलोग तो कूद कर वोट दे देते हैं. ऐसे में नेताओं को काम करने की जरूरत ही क्या है.

बहुत देर से चुनावी बहस सुन रहे मो. रियाज से रहा न गया. रियाज ने पूछा-वोट लेकर नेताजी लोग तो मस्त हो जाएंगे. चुनाव जीतने के लिए नेता लोग सब हथकंडे अपना लेते हैं. खूब बड़े-बड़े वादे करते हैं. लेकिन चुनाव जीतने के बाद एक भी वादा शायद ही याद रखते हों. अब आपलोग ही बताइए कि क्या किया जाए.

एक बार फिर रमेश प्रसाद बोल रहे थे-ई बात तो सौ परसेन्ट सही है कि नेता लोग बुड़बक बनाके हमलोग से वोटवा ले लेता है. लेकिन करें भी तो क्या करें. किसको वोट दें- स्थिति एक जैसा ही है. एक तरफ कुआं तो दूसरी तरफ खाई. ऐसे में चुनाव में जनता क्या करे भाई. रमेश प्रसाद काउंटर पर चाय का पैसा जमा कराने के बाद वहां से जाते-जाते बोले-चाहे जो हो, वोट तो हम देबे करेंगे. आप लोग भी जरूरे दीजिएगा. प्राय सबों ने इसपर हामी भरी और अपने-अपने गंतव्य को बढ़ चले.

 

 

बेगूसराय न्यूज़ डेस्क 

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