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Begusarai कर्पूरी ठाकुर की जीत का रिकॉर्ड नहीं टूटा

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बिहार न्यूज़ डेस्क  कर्पूरी ठाकुर अपने राजनीतिक जीवन में मात्र एक बार ही लोकसभा जा पाये. हालांकि उन्होंने दो बार चुनाव लड़ा, जिसमें से एक में जीत व दूसरे में हार मिली. लेकिन उन्होंने जीत के अंतर का जो रिकार्ड बनाया वह समस्तीपुर लोस सीट पर अब तक कायम है.

कर्पूरी ठाकुर ने 1977 में पहली बार लोकसभा का चुनाव लड़ा था. उसके पहले वे विधानसभा का चुनाव लड़ विधायक रह चुके थे. आपातकाल की समाप्ति के बाद 1977 में हुए लोकसभा के आम चुनाव में कर्पूरी ठाकर ने समस्तीपुर लोकसभा क्षेत्र से पहली बार चुनाव लड़ा था. तब जनता पार्टी के उम्मीदवार के रूप में उन्होंने कांग्रेस के उम्मीदवार यमुना प्रसाद मंडल को 3,,434 मतों के अंतर से हराया था. सर्वाधिक मतों से जीत का यह अंतर अब तक बरकरार है. इतने मतों के अंतर से कोई दूसरा उम्मीदवार अब तक नहीं जीत पाया है. उस समय कांग्रेस से हर वर्ग के लोग खफा थे. जिससे कांग्रेस के प्रत्याशी को मात्र 74501 मत ही मिले थे जबकि कर्पूरी ठाकुर को 401935 मत मिले थे जो उस समय के मतदान का 78 प्रतिशत मत था. वहीं उनके विरोधी को मात्र 14.5 प्रतिशत ही मत मिल पाया था. उस समय समस्तीपुर सामान्य सीट हुआ करता था.

हालांकि 1984 के चुनाव में कर्पूरी ठाकुर को हार का सामना करना पड़ा था. पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की हत्या के बाद उत्पन्न सहानुभूति लहर के बावजूद कर्पूरी ठाकुर ने कांग्रेस के प्रत्याशी को कड़ी टक्कर दी थी. कांग्रेस के प्रत्याशी रामदेव राय को 3585 और कर्पूरी ठाकुर को 95 मत मिले थे.

रामचंद्र ने अशोक को 6875 मतों से हराया था

सहानुभूति लहर के बावजूद कांग्रेस के प्रत्याशी कर्पूरी ठाकुर के जीत के अंतर के रिकार्ड को नहीं तोड़ पाये थे. वैसे उसके बाद हुए लोकसभा चुनाव में विजयी होने वाले उम्मीदवार को पांच लाख से अधिक मत मिले, लेकिन कर्पूरी ठाकुर के सर्वाधिक मतों से जीत का रिकार्ड नहीं टूटा. 2019 के लोकसभा चुनाव में समस्तीपुर से लोजपा प्रत्याशी के रूप में रामचन्द्र पासवान ने 5743 मत लाकर कांग्रेस के अशोक राम (310800) को 2,63643 मत से हराया. इसके पहले 2014 के लोकसभा चुनाव में रामचन्द्र पासवान व अशोक राम में नजदीकी मुकाबला हुआ था. जिसमें मात्र 6875 मतों से ही रामचन्द्र पासवान जीत पाये थे. सबसे कम मतों से जीत का यह आंकड़ा है.

 

 

बेगूसराय न्यूज़ डेस्क 

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