बिहार न्यूज़ डेस्क बिहार में पहले चरण के लोकसभा चुनाव में हिन्दुस्तान अवाम मोर्चा (हम) की अग्निपरीक्षा होगी. हम ने पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी को गया (सु.) सीट से प्रत्याशी बनाया है. यहां पिछले दो चुनावों में एनडीए की जीत होती रही है. जीतन राम मांझी अब तक तीन बार गया से लोकसभा का चुनाव लड़े. तीनों बार उनकी हार हुई. पहली बार एनडीए के साथ लड़ रहे हैं. हार की तिकड़ी का तिलिस्म तोड़ने के लिए इस बार मांझी एनडीए के बैनर तले उतरे हैं. भाजपा, जदयू और रालोमो का साथ उन्हें मिलेगा. पर चुनौती भी कम नहीं होगी. इस बार महागठबंधन से उम्मीदवार राजद के कुमार सर्वजीत (पूर्व मंत्री) हैं, जो बोधगया से विधायक हैं.
गया की लोकसभा सीट पर कई दशकों से जीतने वाले प्रत्याशी मांझी नामधारी होते रहे हैं. मांझी ने अपना पहला चुनाव कांग्रेस के टिकट पर 1991 में लड़ा था, वे दूसरे नंबर पर रहे. 2014 में जदयू के टिकट पर चुनाव लड़े और तीसरे पायदान पर रहे. 2019 में महागठबंधन में शामिल हो गए. 2019 के चुनाव में वह दूसरे स्थान पर रहे थे. जदयू के विजय कुमार मांझी ने उन्हें पराजित किया
महागठबंधन से सर्वजीत देंगे टक्कर
1991
जनता दल - राजेश कुमार- 308077
कांग्रेस - जीतन राम मांझी 4282
हार का अंतर - 53795
2014
भाजपा - हरि मांझी 3,0
राजद - रामजी मांझी 2,10,7
जदयू - जीतन राम मांझी 131828
पहले नंबर से हार का अंतर 194402
2019
जदयू - विजय मांझी 467,007
हम - जीतन राम मांझी 3,14,581
हार का अंतर - 15
पहले चरण के क्षेत्र में ही हम के सभी विधायक
वैसे पहले चरण में जिन चार सीटों पर चुनाव हो रहा है, उन्हीं के विस क्षेत्रों में हम के सभी विधायक हैं. औरंगाबाद संसदीय सीट के इमामगंज से मांझी खुद विधायक हैं. टिकारी से अनिल कुमार, जमुई संसदीय सीट के सिकंदरा से प्रफुल्ल मांझी और गया के बाराचट्टी से ज्योति मांझी विधायक हैं.
इस बार हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा के खाते में इस सीट के जाने के बाद जीतन राम मांझी के लिए अपनी हार को जीत में बदलने की चुनौती है. महागठबंधन ने बिहार सरकार में मंत्री रहे कुमार सर्वजीत को टिकट देकर चुनाव को कांटे का बना दिया है. गया लोकसभा क्षेत्र की सभी छह विधानसभा सीटों में से तीन सीट राजद तो तीन एनडीए के खाते में है. राजद के आधार क्षेत्रों में अपनी पकड़ मजबूत बनाना भी मांझी के लिए चुनौती होगी.
बेगूसराय न्यूज़ डेस्क