बिहार न्यूज़ डेस्क प्रखंड प्रमुख व उपप्रमुख की कुर्सी को लेकर मची उठापटक अब लगभग समाप्त होने के कगार पर पहुंच चुकी है. इस बावत मंझौल एसडीएम ने पत्र जारी कर आगामी 27 को दोनों पदों के निर्वाचन हेतु अनुमंडल मुख्यालय में पंचायत समिति सदस्यों की बैठक निर्धारित की है. बैठक में सबकुछ ठीक-ठाक रहा तो उक्त तिथि को प्रमुख व उपप्रमुख लगभग निर्वाचित कर लिए जायेंगें. गौरतलब है कि पटना हाईकोर्ट में विगत 6 महीने तक चली बहस के बाद कोर्ट ने प्रखंड प्रमुख सतीश कुमार की ओर से दायर रिट याचिका को खारिज कर दिया था. जिसके बाद 22 जुलाई को अविश्वास प्रस्ताव पर बहस हेतु पंचायत समिति सदस्यों की विशेष बैठक बुलाई गई. जिसमें प्रमुख सतीश कुमार को 6-8 से हार का सामना करना पड़ा और उनकी कुर्सी गिर गई. इधर, अब तारीखों की घोषणा होने के बाद विरोधी गुट के नेतृत्वकर्ता पूर्व प्रमुख मनोज कुमार यादव ने अपनी कमर कस ली है. निर्वाचन की तिथि को स्थिति यथावत रही तो छौड़ाही के 24 वर्षो के इतिहास में कोई प्रमुख पहली बार एक पंचवर्षीय में अपनी कुर्सी गंवाने वाले प्रमुख होगें.
पंचायतीराज व्यवस्था लागू होने के बाद अब तक दो महिला व तीन पुरूषों ने प्रखंड प्रमुख की कुर्सी संभाली है. वर्ष 01 में जनार्दन पासवान व वर्ष 06 में प्रखंड प्रमुख की कुर्सी पाने वाली अवंतिका देवी कुशवाहा समाज से थी. तीसरी बार वर्ष 11 के पंचायत चुनाव में रंजना देवी व 16 में मनोज कुमार प्रमुख बने जो यादव समुदाय से आते हैं. जबकि वर्ष 21 में प्रमुख बने सतीश कुमार कुशवाहा समाज से हैं. इससे साफ जाहिर हो रहा है कि प्रखंड प्रमुख की कुर्सी पर यादव-कुशवाहा समाज के लोगों का दबदबा रहा है. उधर, मौजूदा प्रखंड प्रमुख के शिकस्त मिलने के बाद 27 को पुन: प्रमुख की कुर्सी मनोज कुमार यादव के पाले में जाने की पूरी संभावना दिख रही है. जबकि उपप्रमुख के दावेदार कौन हैं यह अभी पूरी तरह स्पष्ट नहीं हुआ है.
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