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Begusarai डेढ़ करोड़ से अधिक राजस्व देने वाले बस पड़ाव पर पेयजल सुविधा नहीं

Hisar पेयजल संकट के खिलाफ सड़क पर उतरे, डबुआ कॉलोनी के लोगों ने चौक पर जाम लगाया, निगम अधिकारियों पर लापरवाही बरतने का आरोप

बिहार न्यूज़ डेस्क शहर स्थित बस स्टैंड से नगर निगम को हर साल करीब 1.57 करोड़ की आमदनी होती है. यहां से प्रतिदिन करीब 1500 छोटे-बड़े यात्री वाहनों का आना-जाना हो रहा है. इससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि यहां रोज कितने हजार यात्रियों का आना-जाना हो रहा है.  के पहले सप्ताह से ही गर्मी का सितम शुरू हो चुका है लेकिन दुर्भाग्य है कि बस स्टैंड में शुद्ध पेयजल की कोई सुविधा नहीं है. सिर्फ पानी पीने के नाम पर दो सरकारी चापाकल है. इनमें से एक चापाकल खराब है.

मार्केट के अंदर जो चापाकल चालू हालत में है वहां से पानी की निकासी की व्यवस्था नहीं है. इससे चालू हालत में चापाकल से भी लोग अशुद्ध पेयजल पीने को विवश हैं. यह दीगर बात है कि कई दुकानदार अपने निजी खर्च पर चापाकल गाड़े हुए हैं. इससे आम यात्रियों के गले की तरास कुछ हद तक मिट जाती है.वित्तीय वर्ष 2024-25 के लिए निजी बस स्टैंड के लिए सरकारी सुरक्षित जमा राशि 1.63 करोड़ 58 हजार 750 रुपये निर्धारित की गई है. वित्तीय वर्ष 2023-24 के लिए सरकारी जमा राशि 99 लाख 57 हजार 334 रुपये था. संवेदक के द्वारा डाक बोलकर 1.37 करोड़ में बस स्टैंड को लिया गया. 31 मार्च 2024 की  बजे रात से निगम की ओर से विभागीय स्तर पर टैक्स की राशि वसूल की जा रही है. आमदनी के नाम पर बस स्टैंड से 1.37 करोड़ व बस स्टैंड परिसर की विभिन्न दुकानों से करीब 30 लाख रुपये किराये के रूप में नगर निगम को आ रहा है. पार्षद पति व पूर्व पार्षद वीरचंद राय ने बताया कि बस स्टैंड में शुद्ध पेयजल की सुविधा नहीं दी गयी तो अब जन आंदोलन ही अंतिम हथियार होगा.

बोतलबंद पानी की बिक्री बढ़ाने के लिए नहीं की जा रही है प्याऊ की व्यवस्था बस स्टैंड में पहले एक घड़ायुक्त प्याऊ था. इससे लोग शुद्ध पेयजल पीते थे. इससे यात्रियों को कुछ लाभ मिल रहा था. नगर निगम की ओर से उसे भी करीब  माह पहले तोड़कर जमींदोज कर दिया गया. जिस जगह प्याऊ था वहां अब टैक्सी स्टैंड बनाया जा रहा है. 1.67 करोड़ हर साल आमदनी देने वाले बस स्टैंड में शुद्ध पेयजल की सुविधा नहीं होने से नगर निगम की कार्यशैली पर गंभीर सवाल खड़े होने लगे हैं. यहां पहुंचने वाले अधिकतर यात्रियों का आरोप है कि शुद्ध पेयजल पिलाने के लिए नगर निगम के पास पैसा नहीं है तो कम से दो चार चापाकल ही गड़वा दे. वार्ड नं. 24 के पार्षद राजीव रंजन ने बताया कि नगर निगम प्रशासन के इतिहास में शायद यह पहली घटना होगी जब बस स्टैण्ड में यात्रियों को शुद्ध पेयजल नसीब नहीं हो रहा है.

पार्षद का आरोप है कि दुकानदारों की मिलीभगत से पियाऊ नहीं लगाया जा रहा है कि ताकि बस स्टैंड परिसर में बोतलबंद पानी की बिक्री खूब हो. भीषण गर्मी होने पर शुद्ध पेयजल के नाम बोतलबंद पानी खरीदना यात्रियों की मजबूरी हो रही है.

 

 

बेगूसराय न्यूज़ डेस्क 

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