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Begusarai मजनूपुर-नवादा हॉल्ट पर ट्रेनों का ठहराव नहीं होने से नाराजगी

Jaipur आरयूबी निर्माण कार्य से प्रभावित होगा रेल यातायात:2 ट्रेनों को आंशिक रद्द किया

बिहार न्यूज़ डेस्क बरौनी- बछवाड़ा रेलखंड पर अवस्थित मजनूपुर नवादा रेलवे हॉल्ट पर सभी पैसेंजर ट्रेनों का ठहराव नहीं होने से इलाके के लोगों में नाराजगी है. स्थानीय ग्रामीणों ने बताया कि इस रेलवे हॉल्ट की स्थापना के समय से ही अब तक महज दो जोड़ी पैसेंजर ट्रेन यहां रुक रही है. यहां अन्य महत्वपूर्ण कुछ पैसेंजर ट्रेनों के ठहराव की मांग वे पिछले करीब  वर्षों से करते आ रहे हैं किंतु हालात जस की तस बनी हुई है. ग्रामीणों ने कहा कि वर्ष 03 में तत्कालीन रेल मंत्री नीतीश कुमार ने इस रेलवे हॉल्ट का उद्घाटन किया था. उस वक्त रेलवे हॉल्ट के आस- पास नवादा, पिढ़ौली, गोधना, शिबूटोल, तेयाय, बूढ़ीवन आदि गांवों की लाखों आबादी को रेल मार्ग से आवाजाही में सहूलियत की आस जगी थी किंतु जरूरी पैसेंजर ट्रेनों का ठहराव यहां नहीं होने से उनके आस पर अब पानी फिर रहा है. इस रेलवे हॉल्ट पर सुबह 9 के बाद अगले 9 घंटे तक अप व डाउन में जाने वाली कोई भी ट्रेन नहीं रुकती. ग्रामीणों ने कहा कि शाम 622 पर सोनपुर- कटिहार तथा शाम 900 बजे हाजीपुर-बरौनी डेमू सवारी गाड़ी यहां रूकती है. ग्रामीणों ने कहा कि सुबह 930 बजे के बाद बेगूसराय, समस्तीपुर, सोनपुर आदि जगहों की यात्रा करने के लिए उन्हें सड़क मार्ग पर ही निर्भर रहना पड़ रहा है.

पेट की भूख के सामने वोट की नहीं है चिंता,परदेश रवाना हुए प्रवासी

जिले के ग्रामीण इलाकों के लोग पेट की भूख मिटाने के लिए परदेस की राह थामने को विवश हैं. स्थानीय स्तर पर काम नहीं मिलने के कारण परदेस जाना इनकी मजबूरी है. इसके कारण लोकसभा चुनाव में ऐसे लोग मतदान से वंचित रह जाएंगे. विदित हो कि जिले के विभिन्न प्रखंडों के लोग परिवार के भरण पोषण के लिए परदेस में रहते हैं. दिल्ली, मुंबई, पंजाब, हरियाणा, तमिलनाडु, कोलकाता आदि जगहों पर जिले के लोग मजदूरी करते हैं. इनमें से अधिकांश होली पर्व को लेकर घर आये थे. जिनमें से कुछ जा चुके हैं जबकि अन्य के जाने का सिलसिला बरकरार है. इससे लंबी दूरी की विभिन्न ट्रेनों की जनरल बोगी इन मजदूरों से भरी रहती है.

समस्तीपुर स्टेशन पर  को पवन एक्सप्रेस में भी काफी संख्या में मजदूर मुंबई के लिए रवाना हुए. ट्रेन के स्लीपर कोच से लेकर सामान्य कोच तक यात्रियों की भीड़ थी. सामान्य कोच में अधिकांश यात्री मजदूरी के लिए इलाहाबाद, मुंबई, कानपुर सहित अन्य स्थानों की ओर जाने के लिए सवार हुए थे.

इस दौरान शिवाजीनगर के अमरजीत कुमार एवं शिवाजीनगर प्रखंड के महदेवा गांव के अमरजीत कुमार ने बताया कि घर की मजबूरी है. कमाएंगे नहीं तो घर परिवारा कैसे चलेगा. मतदान के लिए गांव में रुक गए तो जहां काम से भी हाथ धोना पड़ेगा. दोनों युवक ने बताया कि पिछले कई सालों से मुंबई में मजदूरी करते हैं तो किसी तरह घर परिवार चल रहा है. इसी प्रकार कुशेश्वरस्थान के छोटेलाल साहर, मधुबनी जिला के अरेर थाना के लोहा गांव के घनश्याम साफी ने बताया कि मतदान करना जरुरी है. लेकिन पेट की भी मजबूरी है. इतने समय तक घर पर नहीं रुक सकते हैं.

 

रूसेराघाट स्टेशन पर  को ट्रेन पकड़ने आये मजदूरों ने कहा कि साहब वोट से पेट नहीं भरेगा. वोट से ज्यादा जरूरी है पेट पूजा. घर आकर कोई वापस परदेस नहीं जाना चाहता है लेकिन हालात ऐसी है कि झोली खाली है. नेता वोट के लिए आते हैं. रोजगार दिलाने का वादा भी करते हैं, लेकिन कुछ करते नहीं हैं. दो वक्त की रोटी के लिए आज भी परदेश ही सहारा बना हुआ है.

 

बेगूसराय न्यूज़ डेस्क 

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