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Begusarai राज्य में पशु चिकित्सकों के 40 फीसदी पद खाली, पशुओं के इलाज में हो रही परेशानी, अस्पतालों की संख्या भी कम

शिविर में चिकित्सकों ने दर्जन लोगों के रक्तचाप की जांच की.
 

बिहार न्यूज़ डेस्क राज्य में पशुओं के इलाज के लिए पशु अस्पताल और वेटनरी डॉक्टर दोनों ही कम हैं. इसका सीधा असर पशुओं के इलाज पर पड़ रहा है. पशुओं की संख्या के हिसाब से राज्य में लगभग 5 हजार पशु अस्पताल चाहिए, लेकिन अभी 1137 अस्पताल हैं.
वर्तमान में पशु चिकित्सकों की रिक्ति 2090, जबकि कार्यरत 1250 हैं. 35 से 40 प्रतिशत पशु चिकित्सक कम हैं. 7 हजार पशुओं पर एक पशु अस्पताल आदर्श स्थिति मानी गई है. लेकिन बिहार में जरूरत के मुताबिक एक चौथाई से भी कम पशु अस्पताल हैं. पिछली बार 2017 में बीपीएससी के माध्यम से लगभग 500 पशु चिकित्सक नियुक्त हुए थे. फिर तकनीकी सेवा आयोग के माध्यम से 2022 में लगभग 250 पशु चिकित्सक बहाल हुए. बहाली प्रक्रिया पूरी होने में कई वर्ष लग जाते हैं.

इस दौरान काफी पशुचिकित्सक सेवानिवृत भी हो जाते हैं, इसलिए कमी रह जाती है. राज्य में 3 करोड़ पशुधन यूनिट हैं. एक गाय या एक भैंस को एक पशुधन यूनिट माना जाता है. वहीं दो बकरी या दो भेड़ को एक यूनिट माना जाता है. समय पर बीमार पशुओं का इलाज नहीं होने से दूध और मांस उत्पादन पर घट जाता है. प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है. बीमार गाय और भैंस के दूध का उपयोग करने से आदमी के स्वास्थ्य पर भी खराब असर पड़ता है.
पशुपालन में राष्ट्रीय स्तर पर बिहार का स्थान
पशु स्थान
गाय चौथे
भैंस पांचवें
बकरी चौथे
सूअर आठवें
घोड़ा चौथे
ऊंट बारहवें
खच्चर आठवें
गदहा पांचवें
भेड़ अठारवें
पशु चिकित्सकों का पद सोपान तैयार किया जा रहा है. नियमानुसार प्रोन्नति दी जाएगी. आयोग के माध्यम से भर्ती होगी. अस्पताल भी खुलेंगे. -डॉ. एन. विजयलक्ष्मी, प्रधान सचिव, पशु व मत्स्य संसाधन
सूबे में पशुगणना की स्थिति
पशुगणना वर्ष 2017 वर्ष 2012
गाय 1.53 करोड़ 1.22 करोड़
भैंस 77 लाख 75.67 लाख
बकरा-बकरी 1.28 करोड़ 1.21 करोड़
भेड़ 2.13 लाख 2.38 लाख
मुर्गा-मुर्गी 1.64 करोड़ 83.87 लाख
सूअर 3.43 लाख 6.50 लाख


बेगूसराय न्यूज़ डेस्क 
 

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