![अगर शादी करने का बना रहे हैं प्लान तो पहले जान लें यह बातें](https://samacharnama.com/static/c1e/client/79965/uploaded/ef7e58cfb74a843f4385530747227796.webp?width=730&height=480&resizemode=4)
उत्तरप्रदेश न्यूज़ डेस्क मां-बाप की पिटाई से तंग और जान का खतरा समझकर गुलफ्शा ने धर्म परिवर्तन कर लिया. इतना ही नहीं बदायूं के प्रेमी सूरज के साथ बरेली आकर प्रेम विवाह कर लिया. अब गुलफ्शा रोशनी पाल के नाम से जानी जाएगी. गुलफ्शा का कहना है, हिंदू धर्म में महिलाओं का सम्मान होता है. महिलाओं को घर की लक्ष्मी मानते हैं. अब वह हिंदू धर्म अपनाकर खुद को सुरक्षित महसूस कर रही है. सूरज के साथ अपनी जिंदगी बिताएगी.
गुलफ्शा ने बताया, मूल रूप से वह सीतापुर जिले की रहने वाली है. बदायूं के सूरज से उसकी मुलाकात हरियाणा के पानीपत में हुई. सूरज फैक्ट्री में काम करता था. वहीं गुलफ्शा भी काम करती थी. पहले दोनों के बीच दोस्ती हुई. इसके बाद एक-दूसरे से प्यार करने लगे. जब उसने सूरज से प्रेम विवाह करने की परिवार के सामने इच्छा जाहिर की तो मां-बाप दुश्मन बन गए. पिता ने उसके साथ मारपीट करने लगे. मां ने उसे छत से धक्का देकर मारने का प्रयास किया. डराया और धमकाया गया. गुलफ्शा ने जान का खतरा समझकर घर छोड़ दिया. सूरज के साथ बदायूं आ गई. वहां से आकर तीन जून को बरेली के श्री अगस्त्य मुनि आश्रम में पंडित केके शंखधार से मुलाकात की. वहां गुलफ्शा ने धर्मपरिवर्तन करके अपना नाम रोशनी पाल रखा. इसके बाद सूरज के साथ अग्निफेरे लेकर जीवन संगिनी बन गई.
बस्ती न्यूज़ डेस्क