Samachar Nama
×

Basti  एआरओ जांच में मिले दोषी, जवाब तलब
 

Ranchi सरकार को लिखा पत्र - जांच में तेजी लाने के लिए 8 शोधकर्ता और 3 कानूनी सलाहकार की जरूरत है।


उत्तरप्रदेश न्यूज़ डेस्क   विधानसभा चुनाव के दौरान मतगणना स्थल के पास अमौली गांव में फेंकी मिली वीवीपैट की पर्चियों के मामले में एआरओ पर्यवेक्षणीय शिथिलता के दोषी पाए गए हैं. उनके खिलाफ जेडीसी ने जांच कर रिपोर्ट शासन को भेजा था. संयुक्त सचिव ग्राम्य विकास प्रहलाद बरनवाल ने तत्कालीन बीडीओ साऊंघाट व महादेवा विस क्षेत्र के एआरओ शिवमणि को कारण बताओ नोटिस जारी किया है. नोटिस का जवाब नहीं देने पर अभिलेखीय साक्ष्य के आधार पर कार्रवाई होगी.


विधानसभा चुनाव 2022 में बीडीओ सांऊघाट महादेवा विधानसभा क्षेत्र 311 के एआरओ थे. मतदान के दूसरे दिन स्ट्रांग रूम से कुछ दूर वीवीपैट की पर्चियां मिलीं. जिसे लोगों ने सोशल मीडिया पर वायरल किया. सपा नेताओं ने इसको लेकर बवाल और प्रदर्शन किया था. निर्वाचन आयोग को तत्कालीन जिला निर्वाचन अधिकारी सौम्या अग्रवाल ने शासन और आयोग को रिपोर्ट भेजा था. रिपोर्ट के मुताबिक पर्चियां ईवीएम और वीवीपैट की कमीशनिंग के दौरान की थीं. आरओ, एआरओ समेत सात के खिलाफ शासन ने जांच बैठाई. वर्तमान में गोंडा में तैनात एआरओ शिवमणि के खिलाफ जेडीसी पद्मकांत शुक्ल ने जांच की. शासन ने उन्हें आरोप-पत्र दिया था. जांच आख्या में जेडीसी ने एआरओ शिवमणि को सुपरविजन करने में लापरवाही बरतने का दोषी बताया.
जांच रिपोर्ट में उन्होंने लिखा कि कमीशनिंग की पर्चियां आयोग के नियमानुसार नष्ट होनी थीं. इस कार्य के सामूहिक दायित्व से शिवमणि बच नहीं सकते हैं. उनकी पर्यवेक्षणीय शिथिलता प्रतीत होती है.
नोटिस में संयुक्त सचिव ने कहा कि वह 15 दिनों के अंदर जांच रिपोर्ट के आधार पर अपना स्पष्टीकरण प्रस्तुत करें. अन्यथा की दशा में अभिलेखीय साक्ष्य के आधार पर कार्रवाई कर दी जाएगी.
आयुक्त अखिलेश सिंह ने बताया कि कारण बताओ नोटिस डीएम व सीडीओ के माध्यम से गोंडा भेजा जा रहा है.


बस्ती  न्यूज़ डेस्क
 

Share this story