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Basti  बुखार के मरीजों का नहीं है आंकड़ा, झोलाछाप बने सहारा, सीएचसी करीब होने से मिल रही सुविधा 
 

Basti  बुखार के मरीजों का नहीं है आंकड़ा, झोलाछाप बने सहारा, सीएचसी करीब होने से मिल रही सुविधा 


उत्तरप्रदेश न्यूज़ डेस्क  . डेंगू की रोकथाम के लिए स्वास्थ्य विभाग के पास बुखार के मरीजों का कोई आंकड़ा नहीं है. बुजुर्ग से लेकर बच्चे तक बुखार, सर्दी आदि समस्या से इन दिनों पीड़ित हैं. लेकिन आमतौर से यह देखा जा रहा है कि यह लोग गांव के झोलाछाप या दवा की दुकान से दवा लेकर नीम हकीम से इलाज कर रहे हैं. जिले की पांच बड़ी ग्राम पंचायतों में की गई पड़ताल में स्वास्थ्य सुविधा का बुरा हाल मिला है.

डेंगू को लेकर प्रदेश सरकार की ओर से अलर्ट जारी किया गया है. अस्पतालों में इलाज व जांच की सुविधा के दावे किए जा रहे हैं, वहां पर काफी संख्या में मरीज पहुंच भी रहे हैं, लेकिन एक बड़ी संख्या ऐसी है, जो स्वास्थ्य विभाग के आंकड़ों से गायब है. इसकी मुख्य वजह कोविड की तरह डेंगू को लेकर गांवों में बुखार पीड़ितों की किसी तरह की सूची तैयार न कराना बताया जा रहा है. स्वास्थ्य विभाग की ओर से ग्रामीणों के स्वास्थ्य पर नजर रखने के लिए व समय से स्वास्थ्य सुविधाएं मुहैया कराने के लिए आशा कार्यकर्ताओं की तैनाती की गई है. बड़ी ग्राम पंचायतों में आधा दर्जन से ज्यादा आशा तैनात है. डेंगू को लेकर गांव के स्तर तक कोई प्रीकाशनरी वर्क नहीं कराया गया.
स्क्रीनिंग न होने से बढ़ सकता है डेंगू का प्रकोप सदर ब्लॉक की महसो व श्रीपालपुर ग्राम पंचायत की आबादी 12 हजार से ज्यादा है. दोनों ग्राम पंचायत में आठ-आठ आशा कार्यकर्ताओं की तैनाती है. श्रीपालपुर ग्राम पंचायत में 32 पुरवा है. महसों की आशा प्रतिमा चौरसिया व श्रीपालपुर की आशा ऊषा देवी का कहना है कि उनके पास बुखार के मरीजों की कोई सूची नहीं है.

ग्रामीणों का कहना है कि लम्बे समय से बुखार, खांसी, व जुकाम की समस्या बढ़ी है. ज्यादातर लोग करीबी चिकित्सक या मेडिकल स्टोर से दवा लेकर काम चला ले रहे हैं. कुछ लोग करीबी पीएचसी चिलवनिया व वाल्टरगंज तक पहुंच रहे हैं. जांच के लिए जिला अस्पताल जाना पड़ता है.
बहादुरपुर ब्लॉक की ग्राम पंचायत कलवारी मुस्तहकम की आबादी 10 हजार से ज्यादा है. यहां पर छह आशा की तैनाती है. कलवारी मुस्तहकम गांव से सीएचसी बहादुरपुर करीब है. इसका फायदा स्थानीय लोगों को मिल रहा है. गांव के लोगों को समस्या होने पर वह सीधे सीएचसी पहुंच जाते हैं. यहां पर जांच व इलाज की सुविधा मिल रही है. साऊंघाट ब्लॉक की ग्राम पंचायत जमदाशाही की आबादी लगभग 12 हजेार है, यहां पर छह आशा की तैनाती है. आशा कमलावती, रिंकी, सुनीता, श्रीमती देवी, गायत्री व निर्मला का कहना है कि उनके पास बुखार के मरीजों का कोई आंकड़ा नहीं है, अगर किसी को समस्या होती है तो उसे सरकारी अस्पताल में जाने की सलाह दी जाती है. करीबी पीएचसी पैड़ा खरहरा में इलाज व सीएचसी साऊंघाट में इलाज व जांच की सुविधा है.
अयोध्या में इलाज कराते हैं सिकंदरपुर के मरीज
परसरामपुर ब्लॉक की ग्राम पंचायत सिकंदरपुर की आबादी लगभग 8800 है, यहां पर तीन आशा तैनात है. आशा अंजू देवी ने बताया कि बुखार के मरीज की कोई जानकारी नहीं है, यह सर्वे से पता चलेगा. करीबी सीएचसी में टीएलसी/ डीएलसी जैसी बुनियादी जांच की सुविधा नहीं है. इसके अलावा गांव से सीएचसी व श्रीराम चिकित्सालय अयोध्या की दूरी में ज्यादा अंतर नहीं है. मरीज अयोध्या जाना ज्यादा पसंद करते हैं.


बस्ती  न्यूज़ डेस्क
 

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