बाड़मेर में अपराध दर में आई गिरावट, लेकिन नशे की तस्करी बनी पुलिस के लिए बड़ी चुनौती
जिले में पुलिस की सक्रियता और सघन गश्त का असर अब जमीन पर दिखाई देने लगा है। बीते कुछ महीनों में बाड़मेर जिले में अपराध के मामलों में उल्लेखनीय गिरावट दर्ज की गई है। यह बदलाव न केवल पुलिस की सजगता का प्रमाण है, बल्कि जिले में कानून व्यवस्था की मजबूती का संकेत भी देता है।
हालांकि, जहां एक ओर आम अपराधों में कमी आई है, वहीं दूसरी ओर कुछ खास प्रकार के मामलों, विशेष रूप से एक्ट संबंधी अपराधों में करीब 20% की वृद्धि दर्ज की गई है। पुलिस अधिकारियों के अनुसार, यह वृद्धि कठोर कानूनों के तहत दर्ज मामलों की संख्या में हुई है, जो यह भी दर्शाता है कि पुलिस अब और अधिक सतर्कता से कार्रवाई कर रही है।
युवाओं में बढ़ती नशे की लत बनी चिंता का विषय
बाड़मेर पुलिस के लिए फिलहाल सबसे बड़ी चुनौती बनकर उभरा है नशे की लत और नशे की तस्करी। जिले के कई हिस्सों में युवाओं में नशे की प्रवृत्ति तेजी से बढ़ रही है, खासतौर पर स्मैक और एमडी जैसे खतरनाक सिंथेटिक ड्रग्स की खपत में इजाफा हो रहा है।
पुलिस सूत्रों की मानें तो बाड़मेर अब ड्रग्स की सप्लाई का एक नया केंद्र बनता जा रहा है। सीमावर्ती इलाका होने के कारण यहां से ड्रग्स की आवाजाही को रोकना एक बड़ी चुनौती बन गई है। पाकिस्तान सीमा से सटे होने के कारण यहां अंतर्राष्ट्रीय तस्करी के खतरे भी लगातार बढ़ रहे हैं।
सख्ती के बावजूद नशा कारोबार पर लगाम नहीं
पुलिस ने कई बार बड़ी कार्रवाइयां करते हुए ड्रग तस्करों को गिरफ्तार किया है और भारी मात्रा में मादक पदार्थ जब्त किए हैं। लेकिन नशा कारोबार में शामिल नेटवर्क इतने संगठित हैं कि एक के बाद एक नए लोग इस धंधे में उतरते जा रहे हैं।
पुलिस अधीक्षक ने माना है कि नशे के खिलाफ अभियान और तेज करने की जरूरत है। इसके लिए विशेष नारकोटिक्स टीमों को सक्रिय किया गया है और युवाओं को जागरूक करने के लिए स्कूल-कॉलेजों में अभियान भी चलाए जा रहे हैं।
जन सहयोग और जागरूकता है ज़रूरी
अधिकारियों का कहना है कि नशे के खिलाफ लड़ाई में केवल पुलिस की कार्रवाई काफी नहीं होगी। इसके लिए समाज के सभी वर्गों, विशेष रूप से माता-पिता, शिक्षकों और युवाओं को जागरूक होकर सहयोग करना होगा।

