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गुड़ामालानी हाईवे पर किसानों में दिखा आक्रोश, यातायात ठप, कलेक्ट्रेट घेराव की चेतावनी दी

गुड़ामालानी हाईवे पर किसानों में दिखा आक्रोश, यातायात ठप, कलेक्ट्रेट घेराव की चेतावनी दी

जिले के गुड़ामालानी हाईवे पर किसानों का उग्र प्रदर्शन बुधवार को पूरे दिन जारी रहा, जिससे मुख्य मार्ग पर यातायात पूरी तरह ठप हो गया। प्रदर्शन के कारण लोग वैकल्पिक छोटे रास्तों की ओर मुड़ने को मजबूर हुए, जिन पर भी भारी जाम लग गया।

किसानों का कहना है कि उनकी प्रमुख मांगें अभी तक पूरी नहीं की गई हैं। इनमें फसल का उचित समर्थन मूल्य (MSP), नहरों के पानी की नियमित आपूर्ति, और 2022-23 का किसानों का अनुदान शामिल हैं। उन्होंने प्रशासन को चेतावनी दी है कि जब तक इन मांगों पर ठोस और संतोषजनक कार्रवाई नहीं की जाती, वे कलेक्ट्रेट घेराव सहित अन्य बड़े आंदोलनों के लिए तैयार हैं।

स्थानीय किसानों के अनुसार, गुड़ामालानी हाईवे का यह मार्ग उनके लिए रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण है क्योंकि इसे अवरुद्ध करने से प्रशासन पर दबाव बढ़ता है। उन्होंने बताया कि उन्होंने प्रदर्शन के दौरान शांतिपूर्ण तरीकों से अपने विरोध को जताया, लेकिन भारी संख्या में किसानों के जमा होने के कारण मार्ग पर वाहन नहीं गुजर पाए।

यातायात पुलिस ने बताया कि हाईवे पर वाहनों की लंबी कतारें लग गई हैं और लोग छोटे रास्तों की ओर जा रहे हैं। इससे उन मार्गों पर भी जाम की स्थिति उत्पन्न हो गई है। पुलिस अधिकारी ने कहा, "हम स्थिति को नियंत्रित करने के लिए अतिरिक्त जवान और वाहनों को तैनात कर रहे हैं। जनता से अनुरोध है कि वे वैकल्पिक मार्गों का इस्तेमाल करें और धैर्य बनाए रखें।"

प्रदर्शनकारी किसानों ने बताया कि यह प्रदर्शन पिछले कई महीनों से लंबित मांगों के चलते किया गया है। उन्होंने कहा कि नहरों के पानी की अनियमित आपूर्ति और फसल के लिए उचित मूल्य न मिलने के कारण उनकी आर्थिक स्थिति प्रभावित हो रही है। इसके अलावा, 2022-23 के किसानों के अनुदान की देरी ने उनकी मुश्किलें और बढ़ा दी हैं।

स्थानीय प्रशासन ने किसानों के साथ बातचीत के लिए उच्च स्तरीय बैठक बुलाने की घोषणा की है। अधिकारियों का कहना है कि किसान नेताओं से बातचीत कर उनके सुझावों और शिकायतों को सुनने के बाद जल्द समाधान प्रस्तुत किया जाएगा। हालांकि, किसानों का कहना है कि केवल आश्वासन पर्याप्त नहीं है, उन्हें ठोस कार्रवाई की आवश्यकता है।

गुड़ामालानी हाईवे पर यह प्रदर्शन न केवल किसानों की मांगों की गंभीरता को दर्शाता है, बल्कि प्रशासन के लिए भी एक चेतावनी है कि ग्रामीण स्तर पर कृषि से जुड़ी समस्याओं को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता। यदि समाधान नहीं निकला, तो संभावना है कि भविष्य में और बड़े आंदोलन देखने को मिल सकते हैं।

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