![लापरवाही](https://samacharnama.com/static/c1e/client/79965/uploaded/aebb7f6aeb8ddc53822d4d2fcfe5b309.jpg?width=730&height=480&resizemode=4)
उत्तरप्रदेश न्यूज़ डेस्क गर्भवती महिलाओं की एचआईवी, सिफलिस, एब्डामिनल समेत अन्य जांच करने में प्रदेश के 47 जिलों में लापरवाही हो रही है. यूनीसेफ ने वीएचएनडी पर लगने वाले सेशन की मानीटरिंग की थी. उसकी रिपोर्ट में पता चला है कि शाहजहांपुर, खीरी समेत समेत प्रदेश के 47 जनपदों में लाजिस्टिक की उपलब्धता से लेकर स्वास्थ्य सेवाएं देने में लापरवाही हुई है. शासन ने इस पर नाराजगी जताते हुए सुधार का निर्देश दिया है.
अप्रैल माह में प्रदेश में स्वास्थ्य, स्वच्छता और पोषण दिवस (वीएचएनडी) पर यूनीसेफ की टीम ने कुल 7490 सेशन का पर्यवेक्षण किया था. जिलों में वीएचएनडी सेशन पर दी जाने वाली स्वास्थ्य सेवाओं को 21 इंडीकेटर्स पर परखा था. अधिकांश जगह बच्चों का वजन नापने वाली मशीन, इंफैन्टोमीटर और सिफलिस किट ही नहीं मिली थी. साथ ही एब्डोमिनल चेकअप, सिफलिस टेस्ट और एचआईवी स्क्रीनिंग भी कम हुई है. यूनीसेफ की फीडबैक रिपोर्ट के आधार पर जनपदों को तीन ग्रेड में बांटा गया. इसमें 80 से अधिक स्कोर वाले ए ग्रेड में 28 जनपद शामिल हैं. बी ग्रेड में 60-79 प्रतिशत स्कोर वाले 43 जिले शामिल हैं.
प्रदेश के चार जनपदों की हालत बेहद खराब
स्वास्थ्य, स्वच्छता और पोषण दिवस (वीएचएनडी) सेशन में सबसे खराब हालत जालौन, झांसी, बलरामपुर और ललितपुर की है. इन जिलों का स्कोर 60 प्रतिशत से भी कम है और अधिकांश स्वास्थ्य सेवाएं बदहाल मिली हैं. इन जिलों को शासन ने खास तौर पर चेतावनी देते हुए स्वास्थ्य सेवाओं को सही करने का निर्देश दिया है.
बरेली न्यूज़ डेस्क