उत्तरप्रदेश न्यूज़ डेस्क गैंगरेप पीड़िता ने घर में फंदा लगाकर खुदकुशी कर ली.गैंगरेप के मामले में उसका प्रेमी और सहेली समेत तीन आरोपी पहले से ही जेल में हैं और एक आरोपी अभी फरार है.पीड़िता के परिजनों ने उसकी मौत के लिए जेल जा चुकी सहेली को जिम्मेदार ठहराया है।
भमोरा क्षेत्र निवासी एक व्यक्ति की 17 वर्षीय बेटी ने दोपहर घर में ही फंदा लगाकर खुदकुशी कर ली.परिजन ने बताया कि पिछले साल वह सीबीगंज में रहकर आईटीआई की पढ़ाई कर रही थी.सीबीगंज में ही रहने वाले युवक प्रिंस उर्फ प्रियांशु से उसके प्रेम संबंध थे.इसके चलते वह सीबीगंज से जून दिल्ली चली गई तो परिजन ने प्रिंस और उसकी सहेली खुशी के खिलाफ बहलाकर ले जाने की रिपोर्ट दर्ज कराई.दिल्ली से पुलिस ने किशोरी को बरामद कर लिया, जहां वह बिहार के गिरधारी नाम के युवक के साथ रहती मिली.पुलिस ने किशोरी के बयान दर्ज कराए तो उसने प्रिंस, गिरधारी और उसके दोस्त सोहेल पर गैंगरेप का आरोप लगाया।
बयान के आधार पर पुलिस ने मुकदमे में गैंगरेप व पॉक्सो की धारा बढ़ाकर प्रिंस व सोहेल को पुलिस ने जेल भेज दिया लेकिन खुशी का नाम निकाल दिया.मगर कोर्ट ने खुशी को भी तलब करके जेल भेज दिया.किशोरी को उसके माता-पिता को सौंप दिया गया लेकिन गिरधारी अब तक फरार है.इसी बीच किशोरी ने घर में ही फंदा लगाकर खुदकुशी कर ली.किशोरी की मां ने आरोप लगाया कि सहेली की वजह से उनकी बेटी के साथ यह घटना हुई और अब उसने खुदकुशी कर ली।
गैंगरेप पीड़ित किशोरी ने फंदा लगाकर खुदकुशी कर ली लेकिन मुख्य आरोपी अब तक पुलिस की पकड़ से दूर है.किशोरी के साथ रहने के बावजूद उसने कोई ऐसा साक्ष्य नहीं छोड़ा, जिससे पुलिस उस तक पहुंच सके।
पुलिस के मुताबिक किशोरी की सहेली खुशी ने यह कहकर दिल्ली भेजा कि प्रिंस उर्फ प्रियांशु वहां मिलेगा.मगर जब वह दिल्ली पहुंची तो प्रिंस अपनी बहन की शादी के लिए बरेली आ गया.इसी बीच दिल्ली रेलवे स्टेशन पर ही बिहार में रहने वाले गिरधारी नाम के युवक ने उसे फंसा लिया और अपने दोस्त सोहेल की मदद से किराये पर कमरा लेकर अपने साथ रखने लगा.पुलिस जब किशोरी को बरामद करने पहुंची तो वह मोबाइल चला रही थी, जो गिरधारी ने उसे दिया था.गिरधारी घर में मौजूद न होने के चलते पकड़ में नहीं आया.पुलिस ने किशोरी के मोबाइल में मिले सिम से गिरधारी तक पहुंचने की कोशिश की तो पता चला कि वह किसी अन्य व्यक्ति की आईडी पर निकला.कमरे में भी गिरधारी ने ऐसा कोई साक्ष्य नहीं छोड़ा था, जिससे उसके पते की जानकारी हो सके और इसी वजह से वह अब तक पुलिस के हाथ नहीं आया.आंवला सीओ नितिन कुमार ने कहा कि किशोरी के अपहरण का मुकदमा सीबीगंज में दर्ज था.उसे बरामद कर मुकदमे में गैंगरेप व पॉक्सो की धारा बढ़ाकर तीन आरोपियों को जेल भेजा जा चुका है.खुदकुशी के कारणों की जांच की जा रही है।
अवसाद में थी किशोरी
गिरधारी के चंगुल से निकालने के बाद पुलिस ने तीन आरोपियों को जेल भेज दिया.मगर इस घटना को लेकर किशोरी अवसाद से नहीं निकल सकी और जब घर में कोई मौजूद नहीं था तो उसने कमरे में फंदा लगाकर खुदकुशी कर ली।
बरेली न्यूज़ डेस्क