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Bareilly  आम में लगा हॉपर कीट, किसानों की बढ़ने लगी चिंता

इस बगीचे में भारतीय किस्मों के अलावा विदेशी आम भी हैं केसर, अल्फांसो, रत्ना, सिंधु, नीलम और आम्रपाली जैसी प्रमुख भारतीय किस्मों के अलावा, यहां फ्लोरिडा, अमेरिका से टॉमी एटकिन्स और केंट और इजराइल से लिली, कीट और माया जैसी विदेशी किस्में भी हैं

उत्तरप्रदेश न्यूज़ डेस्क  दिन में गर्मी व रात में ठंडे हो रहे मौसम से आम की फसल को नुकसान की संभावना है. इसी तरह  दिन तक मौसम रहा तो मैंगो हॉपर ( प्रकार का कीट) का खतरा बढ़ गया है. इससे आम उत्पादक किसानों की चिंता बढ़ गई है. 23  को आयी आंधी की मार आम को झेलनी पड़ी थी. उसके बाद से लगातार दिन व रात के तापमान में भारी अंतर देखने को मिल रहा है. इस समय रात को चल रही हवा में नमी हो रही है. इसके चलते आम की फसल में मैंगो हॉपर कीट लग गया है. इस बार आम पर अच्छा बौर आया तो किसान काफी खुश थे. इधर कुछ दिनों में अचानक तापमान बढ़ने से बौर खराब होने लगा था. इसके साथ ही कई तरह के रोग भी लग रहे थे. जिला उद्यान विभाग ने बताया कि जिले में 9200 हेक्टेयर में आम का बाग लगा है. इनसे प्रति वर्ष अनुमानित प्रोडक्शन  लाख छह हजार टन होता है. इस समय आम का साइज बढ़ा हुआ है, साथ ही गर्मी अधिक होने के कारण फूड ड्रापिंग भी बढ़ गई है. साथ ही आम की फसल इस समय हॉपर कीट की चपेट में है. यह कीट आम के बौर से लेकर पेड़ की नई पत्तियों का भी रस चूसता है. इस कीट द्वारा छोड़े गए चिपचिपे पदार्थ से सूटी मोल्ड फंगस का प्रकोप बढ़ जाता है. जिससे न सिर्फ छोटे-छोटे फल नीचे गिर जाते हैं बल्कि बड़े फलों की क्वालिटी भी खराब हो जाती है. इससे आम में 25 से 30 फीसदी का नुकसान होने की आशंका है.बचाव को किसानों को उपाय करने चाहिए. उन्होंने बताया कि बरेली में चौसा, लंगड़ा, बम्बईया व दशहरी आम होता है.

किसान यह करें उपाय

जिला उद्यान अधिकारी पुनीत पाठक ने बताया कि इस कीट पर नियंत्रण करने के लिए बागवान लाइट ट्रेप, नीम तेल, मित्र फफूंदी लेकानीसिलियम का प्रयोग करते हैं. मेलाथियान 50 ईसी  मिलीलीटर या डाईमेथोएट  मिलीलीटर, या ब्यूप्रोकेनजीन 25 ईसी  मिलीलीटर या इमीडाक्लोप्रिड 70 की 0.1 एमएल मात्रा को  लीटर पानी में घोलकर बनाकर छिड़काव करना चाहिए.

जिले में 9500 हेक्टेयर में आम के बाग है. पहले ही आंधी से 10 फीसदी फसल खराब हो चुकी है. नमी से हॉपर कीट का खतरा बढ़ा है. बचाव के लिए दवा का छिड़काव करना चाहिए.

पुनीत पाठक, जिला उद्यान अधिकारी

 

 

बरेली न्यूज़ डेस्क

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