Bareilly आउटसोर्स पर नियुक्ति आदेश निरस्त, शासन तक पहुंचा मामला, हो सकती है कार्रवाई

उत्तरप्रदेश न्यूज़ डेस्क नगर निगम के निर्माण विभाग इनदिनों सुर्खियों में है. कभी चेहते ठेकेदारों पर मेहरबानी तो कभी रिटारमेंट कर्मचारियों को नियमों को ताक पर रखकर नियुक्ति करने का प्रकरण सामने आया है. शासन के बाद नगर निगम में नगरायुक्त ही पावरफुल हैं, लेकिन निर्माण विभाग के जिम्मेदारों ने ऐसे नियमों को ताक पर रख दिया. रिटायर बेलदार को फिर से मलाईदार कुर्सी की जिम्मेदारी सौप दी. जवाब तलब हुआ तो आदेश को निरस्त किया गया है. मामला शासन तक जा पहुंचा है.
रिटायरमेंट के बाद कुर्सी छोड़ने को कर्मचारी तैयार नहीं है. निर्माण विभाग में बेलदार को आउटसोर्स पर रख दियाग या. ये नियुक्ति बिना नगरायुक्त की अनुमति लिए और कमेटी की स्वीकृति बगैर की गई. खास बात ये है कि मूल पद से रिटायर कर्मी को उसकी मलाईदार कुर्सी पर बैठाया जा रहा है जो पहले ही नियम के खिलाफ थी. नगरायुक्त ने इस मामले में जांच के निर्देश दिए हैं. जिम्मेदार अधिकारियों का जवाब तलब किया तो आनन फानन में बेलदार का नियुक्ति पद निरस्त कर दिया गया.
मुख्य अभियंता मनीष अवस्थी ने कार्यालय आदेश जारी किए हैं, जिसमें उन्होंने लिखा है कि हमारे कार्यालय से जारी वरिष्ठ लिपिक मोहित आनंद के साथ कार्य में सहयोग करने के लिए भूपेंद्र कुमार सक्सेना बेलदार को आउटसोर्स पर रखा गया था. मुख्य अभियंता कार्यालय से संबद्व किए जाने संबंधी आदेश्श को तत्काल प्रभाव से निरस्त किया जाता है. मुख्य अभियंता ने इसकी कॉपी नगरायुक्त, अधिशासी अभियंता, सहायक अभियंता, लिपिक और आउटसोर्स पर रखे बेलदार को भेजी है.
शासन तक पहुंचा मामला, हो सकती है कार्रवाई
नियम के खिलाफ रिटायरमेंट कर्मी की नियुक्ति किए जाने का मामला तूल पकड़ गया है. नगर निगम के तमाम लोगों ने इसकी रिपोर्ट शासन तक पहुंचा दी है. वहीं निर्माण विभाग के जिम्मेदार अधिकारियों से स्पष्टीकरण भी मांगा गया है. जिसकी रिपोर्ट बनाकर सीधे शासन को भेजी जा रही है. नगर निगम के जानकारों ने बताया कि निर्माण विभाग के एक बड़े साहब हमेशा प्रमुख सचिव से अच्छे रिश्ते बताकर लखनऊ में ही रहते हैं. उनके सहयोग भी नगर निगम अधिकारियों की सुनते तक नहीं है. निगम में यह भी चर्चा है कि निर्माण विभाग के कुछ लोग ट्रांसफर कराने में लगे हैं.
बरेली न्यूज़ डेस्क