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Bareilly  मेगा फूड पार्क बाढ़ से बचाने को किच्छा नदी पर नहीं बना तटबंध

Bareilly  मेगा फूड पार्क बाढ़ से बचाने को किच्छा नदी पर नहीं बना तटबंध

उत्तरप्रदेश न्यूज़ डेस्क  बहेड़ी के मुड़िया मुकर्रमपुर गांव में 0 एकड़ जमीन पर विकसित किए गए मेगा फूड पार्क में किच्छा नदी की बाढ़ का खतरा मंडरा रहा है. करीब तीन साल में यूपीसीडा और सिंचाई विभाग मिलकर मेगा फूड पार्क में किच्छा नदी की बाढ़ का पानी रोकने का इंतजाम नहीं कर सके.

किच्छा नदी पर प्रस्तावित तटबंध की जमीन तक फाइनल नहीं हो सकी. जबकि मेगा फूड पार्क में यूनिट लगाने के लिए जमीन खरीदने वाली कंपनियां तटबंध बनाने की मांग कर रही हैं. यूपीसीडा और बाढ़ खंड एक-दूसरे के पाले में बॉल डालने में लगे हुए हैं. बहेड़ी के मुड़िया मुकर्रमपुर की 0 एकड़ जमीन पर मेगा फूड पार्क विकसित किया गया है. मेगा फूड पार्क प्रदेश सरकार का ड्रीम प्रोजेक्ट है. कई बार मुख्यमंत्री योगी बड़े-बड़े मंच से बहेड़ी के मेगा फूड पार्क का जिक्र कर चुके हैं. देश की कई नामचीन कंपनियां मेगा फूड पार्क में यूनिट लगा रही हैं. कई कंपनियों ने भूखंड खरीदकर फिलहाल छोड़ दिए हैं. कुछ कंपनियों के साथ यूपीसीडा की डील चल रही है. यूपीसीडा मेगा फूड पार्क में अभी तक जरूरी इंफ्रास्ट्रक्चर मुहैया नहीं करा सका. सड़कें बनाकर छोड़ दीं. देखभाल के अभाव में सड़कों के उखड़ने का सिलसिला शुरू हो गया है. सबसे बड़ी समस्या किच्छा नदी की बाढ़ है.

बाढ़ खंड को 6 करोड़ मिले थे तटबंध निर्माण के लिए

मेगा फूड पार्क में यूनिट लगाने वाली कंपनियां तटबंध की मांग कर चुकी हैं. मेगा फूड पार्क से सटकर किच्छा नदी बह रही है. बाढ़ से मेगा फूड पार्क को बचाने के लिए  मीटर चौड़ी और  सौ मीटर लंबी जमीन पर तटबंध का निर्माण प्रस्तावित है. यूपीसीडा ने करीब एक साल पहले बाढ़ खंड को 6 करोड़ की रकम तटबंध बनाने के लिए मुहैया कराई थी. तटबंध की जमीन खींचतान बरकरार है. जमीन यूपीसीडा को मुहैया करानी है. अभी तक जमीन चिह्नित नहीं हो सकी है. इस साल तटबंध नहीं सकेगा. मेगा फूड पार्क में बाढ़ का पानी घुसना तय है.

तटबंध के लिए उत्तराखंड की जमीन की दरकार

बाढ़ खंड के अधिकारियों के मुताबिक प्रस्तावित तटबंध में 550 मीटर जमीन उत्तराखंड की भी है. यूपीसीडा को उत्तराखंड प्रशासन के साथ मीटिंग कर जमीन दिलवानी है. अभी जमीन लेने की प्रक्रिया शुरू नहीं हो सकी.

सिर्फ नाम का ही हुआ बाढ़ निरोधक कायम

बाढ़ खंड ने किच्छा पर बाढ़ निरोधक काम किया. बाढ़ को रोकने के लिए करीब डेढ़ करोड़ की रकम खर्च की. कई स्थानों पर पत्थर के टुकड़े नदी में समा गए. रस्सी का जाल गलकर टूट गया.

 

 

बरेली न्यूज़ डेस्क

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