
उत्तरप्रदेश न्यूज़ डेस्क कुत्तों के हमले में साल भर में करीब आधा दर्जन बच्चों की मौत हो चुकी है और तमाम लोग घायल हो चुके हैं. बच्चों की मौत होने के बाद कुछ दिन जिम्मेदार अफसर सक्रिय होते हैं और फिर कार्रवाई ठंडी पड़ जाती है. सीबीगंज के गांव बंडिया में ही इस साल चार बच्चों की मौत हो चुकी है.
सीबीगंज के गांव बंडिया जनवरी से अब तक कुत्तों ने दर्जन भी से ज्यादा लोगों पर हमला किया. मई में सीबीगंज क्षेत्र के गांव खना गौटिया गांव में कुत्तों के झुंड ने 12 साल के मासूम अयान को नोच-नोचकर मार डाला था. खूंखार कुत्ते अयान के सिर का मांस नोंच ले गए थे, जिससे मौके पर ही उसकी मौत हो गई.
फरवरी में तीन तीन साल की बच्ची परी पर कुत्तों ने हमला किया और इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई. इससे साल भर पहले मोरपाल और रोहणी नाम की बच्ची को भी कुत्तों ने मौत के घाट उतार दिया था. अप्रैल में बंडिया गांव में ही सात साल के विष्णु, चार साल की हिना, मथुरापुर के दस वर्षीय सागर समेत दर्जन भर से ज्यादा बच्चों को कुत्तों ने जख्मी किया.
नगर निगम सीमा में आवारा कुत्तों को पकड़ने का अभियान लगातार चल रहा है. कार्यदायी संस्था को 500-500 कुत्ते पकड़ कर उनकी नसबंदी करने के निर्देश दिए हैं.
- सुनील कुमार यादव, अपर नगरायुक्त
कक्षा एक का था छात्र, पूरे शरीर पर जख्म
शेरगढ़ के मोहल्ला शिव मंदिर निवासी दक्ष कस्बे के ही शिशु निकेतन में कक्षा एक का छात्र था. तीन भाई बहनों में वह दूसरे नंबर पर था. उससे बड़ा भाई आनंद और छोटी बहन रौनक है. त्योहार की खुशियों के बीच दक्ष की मौत से घर में कोहराम मच गया है. गांव के लोगों ने बताया कि कुत्तों ने दक्ष को काफी देर तक नोंचा जिससे उसके पूरे शरीर पर जख्मों के निशान हो गए.
गांव में लोमड़ी के हमले की चर्चा
दक्ष के परिवार वालों ने कुत्तों के हमले में उसकी मौत की बात कही है. मगर मौके पर कुत्ते दिखाई न देने से कुछ लोग लोमड़ी के हमले की आशंका भी जता रहे हैं लेकिन इसकी कोई पुष्टि नहीं हुई है.
बरेली न्यूज़ डेस्क