Bareilly बीपी की दवा अधोमानक मरीजों को देने पर रोक,बरेली में औषधि विभाग ने दवा का सैंपल लेकर जांच को भेजा था लैब
उत्तरप्रदेश न्यूज़ डेस्क मेडिकल कारपोरेशन की तरफ से सप्लाई हुई एक और दवा अधोमानक निकली. ब्लड प्रेशर नियंत्रित करने वाली दवा टेल्मिसार्टन का सैंपल जांच में फेल हो गया है. बरेली में औषधि विभाग ने बीते दिनों टेल्मिसार्टन का सैंपल जांच के लिए लैब भेजा था. रिपोर्ट आने के बाद सीएमओ ने सीएचसी-पीएचसी प्रभारियों और हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर के सीएचओ को पत्र लिखकर दवा के वितरण पर तत्काल रोक लगा दी है.
स्वास्थ्य विभाग को मेडिकल कारपोरेशन से टेल्मिसार्टन-40 एमजी दवा की 1 लाख से अधिक डोज भेजी गई थी, जो अप्रैल 2024 में बनी थी. सप्लाई मैनकेयर लेबोटरिज प्राइवेट लिमिटेड की तरफ से की गई थी. औषधि विभाग ने 7 को सीएमओ को पत्र भेजकर रिपोर्ट की जानकारी दी थी.
हार्टअटैक का खतरा कम करती है दवा टेल्मिसार्टन उच्च रक्तचाप को नियंत्रित करती है, जिससे हार्ट अटैक व स्ट्रोक का खतरा कम होता है. हाइपरटेंशन के मरीजों को डॉक्टर यह दवा देते हैं. यह रक्त वाहिकाओं को शिथिल करता है. इससे हृदय में रक्तसंचार और आक्सीजन की मात्रा बढ़ जाती है.
यहां हुई थी सप्लाई
टेल्मिसार्टन- 40 एमजी दवा यूपी मेडिकल कारपोरेशन से फरीदपुर ड्रग वेयरहाउस भेजी गई थी. यहां से भमोरा, बहेड़ी सीएचसी, पचपेरा, मुड़िया नबी बक्श पीएचसी, फरीदपुर यूपीएचसी भेजी गई थी. साथ ही, सब सेंटर हुरहुरी, गोपालपुर, गजनेरा, अगरास, हाफिजगंज, सेंथल, रहमानपुर, सतुईया खास, नगरिया सादात, बेहटा बुजुर्ग, फिरोजपुर, जावेदा-जावेदी, असादनगर, अनिरुद्धपुर, बकेवा, पहेना पहेनिया में दवा भेजी गई थी.
लखनऊ में सैंपल पास हुआ था
यूपी मेडिकल सप्लाई कारपोरेशन जिलों में किसी भी दवा की सप्लाई से पहले लैब में जांच कराता है. दवा अगर सही पाई जाती है, तभी सप्लाई होती है. टेल्मिसार्टन- 40 एमजी दवा का सैंपल भी लखनऊ में जांच के लिए लैब भेजा गया था. सैंपल की जांच रिपोर्ट में दवा सही मिलने के बाद ही उसकी सप्लाई की गई थी. चौंकाने वाली बात है कि जो दवा लखनऊ की जांच में पास हो गई थी, वह जिला स्तर पर जांच में फेल हो गई.
फार्मा कंपनी पर लगाया जाएगा जुर्माना एमडी
यूपी मेडिकल सप्लाई कारपोरेशन के एमडी जगदीश ने बताया कि टेल्मिसर्टन मैनकेयर कंपनी की दवा है जो मई में सिर्फ बरेली भेजी गई थी. जांच में दवा मानक के अनुरूप मिलने पर ही सप्लाई की गई थी. बरेली में ड्रग इंस्पेक्टर ने जो जांच कराई है, उसमें कंटेंट सही मिला है पर कलर में इसे अधोमानक पाया है. दवा की पोटेंशी में कोई कमी नहीं है. दरअसल यह इस बात पर भी निर्भर करता है कि सीएचसी-पीएचसी पर दवा कहां रखी गई है. वहां 108200 टैबलेट भेजी गई थीं, जिसमें से अभी एक हजार के करीब ही प्रयोग में लाई गई हैं. कंपनी को नोटिस दिया जा रहा है. बाकी दवा को कंपनी के खर्च पर वापस मंगाया जा रहा है. इस बैच की दवा का भुगतान रोकने के साथ ही 20 फीसदी पेनाल्टी भी लगाई जाएगी.
बरेली न्यूज़ डेस्क