अलवर में आंध्रप्रदेश व तमिलनाडु के व्यापारियों को बंधक बनाकर लूटे लाखो रुपये
लॉटरी से लेकर साइबर ठगी तक पहुंचे ठग मेवात के ठग कुछ साल पहले तक लोगों को मोबाइल फोन पर झांसा देकर नकली सोना ठगते थे। जिसे मेवात भाषा में टटलू काटना कहा जाता है, लेकिन समय के साथ मेवात के ठग भी हाईटेक हो गए हैं। अब ये ऑनलाइन वेबसाइट के जरिए लोगों को गाड़ियां, स्क्रैप और खाद-बीज, मसाले आदि बेचने का नाटक करते हैं और फिर उन्हें बुलाकर बंधक बनाकर लूट लेते हैं। इसके अलावा ये शातिर ठग लोगों के साथ ऑनलाइन ठगी भी खूब कर रहे हैं.
बंधकों को पीटना, हथियारों के बल पर फोन छीनना
बनबन गांव में शातिर ठगों ने व्यापारियों को एक खाली मकान में बैठने पर मजबूर कर दिया. उन्होंने वहां व्यवसायियों के साथ दुर्व्यवहार और मारपीट की. इसके बाद हथियार दिखाकर उनके मोबाइल फोन छीन लिये. वहां करीब पांच-छह बदमाश थे। दोपहर 2 बजे से शाम 7 बजे तक व्यापारियों को बंधक बनाए रखा गया। मारपीट और धमकी देकर मोबाइल और बैंक खाते के पासवर्ड मांगे। खातों से 23.49 लाख रुपये की रकम ऑनलाइन ट्रांसफर की गई। इसके बाद फोन को फॉर्मेट कर दिया गया.
5 घंटे तक बंधक बनाकर रखा
बदमाशों ने दोनों व्यापारियों को करीब पांच घंटे तक बंधक बनाए रखा। व्यापारी उन्हें जाने देने के लिए चिल्लाने लगे। शाम करीब सात बजे ठग व्यापारियों को कार में डालकर मानेसर के पास छोड़ गए। इसके बाद कारोबारी ने टैक्सी ली और एयरपोर्ट पहुंच गया. वहां पहुंचकर मोबाइल देखा तो उसमें से सारा डाटा गायब था। खाते की जांच करने पर पता चला कि 23.49 लाख रुपये निकाले गए हैं। जालसाजों ने दोनों व्यापारियों के खाते से रकम 13 खातों में ट्रांसफर कर ली। मामले की जांच की जा रही है। पुलिस टीम सभी तथ्यों को खंगालकर बदमाशों को पकड़ने में जुटी हुई है।