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सरिस्का में माइनिंग को लेकर सियासत गर्म, वीडियो में जानें कांग्रेस नेता भंवर जितेंद्र सिंह ने भाजपा सरकार पर लगाए गंभीर आरोप

सरिस्का में माइनिंग को लेकर सियासत गर्म, वीडियो में जानें कांग्रेस नेता भंवर जितेंद्र सिंह ने भाजपा सरकार पर लगाए गंभीर आरोप

सरिस्का टाइगर रिजर्व के पास माइनिंग को लेकर राजस्थान में सियासी तापमान तेजी से बढ़ता जा रहा है। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और राष्ट्रीय महासचिव भंवर जितेंद्र सिंह ने इस मुद्दे पर भाजपा और प्रदेश सरकार पर सीधा हमला बोला है। उन्होंने आरोप लगाया कि सरिस्का क्षेत्र में खनन को मंजूरी देकर सरकार न केवल पर्यावरण को नुकसान पहुंचा रही है, बल्कि माफिया के साथ मिलकर अपने चहेतों को लाभ भी पहुंचाना चाहती है।

भंवर जितेंद्र सिंह ने कहा, “सरिस्का जैसी जैव विविधता से भरपूर और पर्यावरण की दृष्टि से संवेदनशील जगह पर खनन की अनुमति देना सरासर गलत है। इससे न सिर्फ जंगल और वन्यजीवों को खतरा है, बल्कि यह आने वाली पीढ़ियों के साथ अन्याय है।”

"सरिस्का को बर्बाद कर रही है भाजपा सरकार"

कांग्रेस नेता ने यह भी कहा कि भाजपा सरकार खनन माफियाओं के दबाव में काम कर रही है, और सरिस्का में माइनिंग के पीछे राजनीतिक लाभ और आर्थिक हित जुड़े हुए हैं। उन्होंने कहा, “यह केवल विकास नहीं, बल्कि विनाश की ओर कदम है। हम सरिस्का को किसी भी हालत में बर्बाद नहीं होने देंगे। चाहे इसके लिए आंदोलन ही क्यों न करना पड़े।”

भाजपा की ओर से पलटवार

वहीं भाजपा नेताओं ने कांग्रेस के आरोपों को राजनीतिक नौटंकी करार देते हुए कहा कि कांग्रेस के समय में भी खनन गतिविधियां होती रही हैं, और अब जब राज्य सरकार माइनिंग को रेगुलेट करने की कोशिश कर रही है, तो कांग्रेस इसमें रोड़े अटका रही है। भाजपा नेताओं का दावा है कि जो खनन प्रस्तावित है, वह संरक्षित क्षेत्र से बाहर है और सभी कानूनी प्रक्रियाओं का पालन किया गया है।

पर्यावरणविदों की चिंता

इस विवाद के बीच पर्यावरण प्रेमियों और वाइल्डलाइफ एक्सपर्ट्स ने भी चिंता जताई है। उनका कहना है कि सरिस्का का इलाका पहले से ही वन्यजीवों के शिकार, अवैध खनन और मानव अतिक्रमण से जूझ रहा है, ऐसे में वहां किसी भी तरह की माइनिंग से टाइगर प्रोजेक्ट और स्थानीय पारिस्थितिकी तंत्र को गंभीर खतरा हो सकता है।

सरिस्का का महत्व

सरिस्का टाइगर रिजर्व राजस्थान के प्रमुख बाघ अभयारण्यों में से एक है। यह अलवर जिले में स्थित है और एशियाई बाघों के संरक्षण के लिए महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। इसके साथ ही यह क्षेत्र पर्यटन और स्थानीय रोजगार का एक बड़ा केंद्र भी है।

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