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अलवर के पांडुपोल मंदिर में उमड़े श्रद्धालु, मेले में गूंजे हनुमान जी के भजन 

अभयारण्य सरिस्का की घाटियों में स्थित महाभारतकालीन हनुमानजी के पांडुपोल स्थल पर बैसाख शुक्ल पक्ष की सप्तमी तिथि मंगलवार को मेले का आयोजन हुआ। मेले में पूरे दिन बजरंगबली के जयकारे गूंजते रहे.....
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अलवर न्यूज़ डेस्क !!! अभयारण्य सरिस्का की घाटियों में स्थित महाभारतकालीन हनुमानजी के पांडुपोल स्थल पर बैसाख शुक्ल पक्ष की सप्तमी तिथि मंगलवार को मेले का आयोजन हुआ। मेले में पूरे दिन बजरंगबली के जयकारे गूंजते रहे। श्रद्धालुओं ने क्षेत्र में खुशहाली के लिए पूजा-अर्चना की। श्रद्धालुओं का सैलाब उमड़ पड़ा। मेले के अवसर पर मंदिर को विशेष रूप से फूल-मालाओं से सजाया गया था और बजरंगबली की प्रतिमा का भी भव्य शृंगार किया गया था. मंदिर परिसर में भंडारा और ठंडे पानी के प्याऊ लगाए गए। पांडुपोल हनुमान मंदिर पर साल में दो बार मेला लगता है, जहां भादो माह के पहले मंगलवार को मेला लगता है। मेले में प्रशासन का पूरा सहयोग मिल रहा है। पांडुपोल मेला ग्रीष्म ऋतु में बैसाख माह में आयोजित होता है। ग्रामीण क्षेत्रों में घर-घर हनुमानजी की ज्योत देखी जाती है और दाल-बाटी, चूरमा का भोग भी लगाया जाता है।

हनुमान शर्मा आदि भक्तों ने बताया कि पांडुपोल हनुमानजी के स्थान पर वैशाख मेला लगता था, जिसमें कुल देवता होने के कारण बच्चों की जादुल और नई शादी के गठबंधन डाले जाते थे। बजरंगबली के भक्त काफी उत्साहित थे. मंदिर परिसर में हनुमान चालीसा और सुंदर कांड पाठ का भी आयोजन किया गया। महंत बाबूलाल शर्मा ने बताया कि प्रशासन ने नई इलेक्ट्रॉनिक बस लगाने की बात कही थी, लेकिन अभी तक नहीं लगाई गई है। श्रद्धालु अपने-अपने वाहनों से पहुंचे हैं। इस मौके पर चेतन शर्मा, ललित शर्मा, मुरारी, महेश जोशी, रोहित, हितेश, सतीश शर्मा, गोविंद जोशी, राहुल, सुनील आदि मौजूद रहे।


बालाजी के भक्तों ने चमड़ी छीलकर दर लगाई और मन्नतें मांगी

भदाना गांव के चिलेवाले स्थित हनुमानजी मंदिर में मंगलवार को गंगा सप्तमी पर भक्तों की भीड़ उमड़ी। मंदिर के पुजारी गिर्राज शर्मा ने बताया कि गंगा सप्तमी पर बालाजी का मेला लगता है। सुबह से ही लोगों ने घरों में बजरंग बली की पूजा कर मालपुए, चूरमा, खीर और बर्फी थाल का भोग लगाकर हवन किया और घर-परिवार में सुख-समृद्धि की कामना की। मेले की पूर्व संध्या पर बालाजी का रात्रि जागरण, रामायण पाठ एवं रामधुनी का आयोजन किया गया। सुबह से मंदिर परिसर में श्रद्धालुओं को पंगत प्रसादी का वितरण किया गया। इस अवसर पर कई साधु-संतों सहित ग्रामीण महिला-पुरुष उपस्थित थे.


पहलवानों ने दिखाया साहस

निठारे वाले हनुमानजी मंदिर पर मंगलवार को मेला लगा। जिसमें बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं ने आकर प्रार्थना की। मेले में दूर-दूर से आए श्रद्धालुओं ने वहां लगी दुकानों पर जमकर खरीदारी की। इस दौरान अजीत सिंह ने बताया कि मंदिर कमेटी व श्रद्धालुओं के सहयोग से मेले का आयोजन किया गया. जिसमें दर्जनों दुकानें, गेम शो और शाम को कुश्ती दंगल का आयोजन किया गया। जिसमें आसपास के गांवों के जाने-माने पहलवानों ने अपनी कुश्ती दिखाई. मंदिर के पुजारी रामानुज दास ने बताया कि निठारे वाले हनुमान जी पर हर साल मेला लगता है. इस वर्ष विशेष तैयारी के साथ किया गया। इससे वहां काफी भीड़ हो गयी. शाम तक श्रद्धालु भजन-कीर्तन करते रहे।

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