
उत्तरप्रदेश न्यूज़ डेस्क दलितों को लामबंद करने के लिए सवर्णों को गाली देने की ओछी राजनीति गलत है. सही मायने में दलितों के लिए काम करके ही पार्टी या संगठन की पहचान बनाई जा सकती है. यह बातें विज्ञान परिषद सभागार में आयोजित बहुजन उत्थान महासम्मेलन में बतौर मुख्य अतिथि पूर्व सांसद व एससी, एसटी, ओबीसी के राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ. उदित राज ने कहीं.
उन्होंने कहा कि आज मुझे यह कहने में गुरेज नहीं है कि सत्तारूढ़ बीजेपी बहुजन आंदोलन की देन है. उन्होंने कहा कि कुछ लोग पहले सवर्णों के खिलाफ दलितों को खड़ा करते हैं और सत्ता हासिल होते ही उन्हें हाशिए पर रख देते हैं. ऐसी गंदी राजनीति से हमें बचना होगा. उन्होंने समाज के लोगों को एकजुट होने का आह्वान किया. उन्होंने मांग की कि संसद भवन की पहचान बाबा साहेब भीमराव अंबेडकर के नाम से होनी चाहिए. निजी क्षेत्रों में आरक्षण लागू करने, दलितों की भागीदारी सभी प्राइवेट संस्थानों में सुनिश्चित करने पर आवाज उठाई. कहा कि देश में सरकारी कंपनियों को बेचा जा रहा है. इससे देश की आर्थिक कमर टूट गई है. एससी, एसटी कानून को यूपी में लागू करने, लोकपाल बिल में बहुजन आरक्षण को लागू करने के लिए काफी संघर्ष करना पड़ा है. हरिओम साहू ने कहा कि संविधान बचाने के लिए बहुजनों को लामबंद होना पड़ेगा. विशिष्ट अतिथि संजय राज खटीक ने कहा कि प्रदेश में महिलाओं और दलितों पर होने वाले अत्याचार के खिलाफ एकजुट होने की जरूरत है. 2024 से पहले जातिगत जनगणना को यूपी में लागू किया जाए. कार्यक्रम के मुख्य आयोजक भानु, इंद्रपाल, रमाकांत पासी, महेंद्र सरोज, सोमनाथ सरोज, वीरेंद्र कोल, मंजू कोल, रिंकू राज खटीक, राकेश चौधरी, इरशाद उल्ला, राजकुमार सिंह रज्जू, राजेश राकेश, राम मनोरथ सरोज, दीपू साहू आदि मौजूद रहे.
इलाहाबाद न्यूज़ डेस्क