उत्तरप्रदेश न्यूज़ डेस्क पहले सुस्ती और अब महाकुम्भ नजदीक आने पर रेलवे के ठेकेदारों ने कार्यों की रफ्तार बढ़ाई है. नतीजा यह है कि काम की गुणवत्ता पर असर दिखने लगा है. प्रयाग स्टेशन के पीछे निर्माणाधीन बाउंड्रीवाल को देखकर स्थानीय लोगों ने सवाल उठाया है. दीवार पर सपोर्ट के लिए लगाई जा रही लोहे की पटरी देखकर एक्स पर शिकायत दर्ज कराई. आरोप है कि इस तरह से कामों से किसी दिन बड़ा हादसा हो सकता है. इससे पहले दीवार गिर भी चुकी है.
प्रयाग जंक्शन के प्लेटफार्म तीन की ओर स्टेशन का विस्तार किया जा रहा है. चौड़ीकरण में राम प्रिया रोड किनारे कई मकानों से अतिक्रमण भी हटाया गया है. आरोप है कि एक मकान को छोड़कर बाकी, सभी घरों में कार्रवाई की गई. इसके खिलाफ स्थानीय लोगों ने शिकायत भी की.
कारखानों के लाइसेंस की प्रक्रिया हुई ऑनलाइन
उत्तर प्रदेश सरकार ने उद्यमियों के लिए बड़ी पहल करते हुए कारखानों की लाइसेंसिंग और उससे संबंधित प्रक्रियाओं को पूरी तरह से ऑनलाइन व फेसलेस बना दिया है. अब लाइसेंस का अनुमोदन, नवीनीकरण, संशोधन, और विभिन्न प्रपत्रों के प्रेषण से जुड़ी प्रक्रियाएं विभागीय पोर्टल के माध्यम से पूरी की जा सकेंगी.
सहायक निदेशक कारखाना नितिन यादव ने बताया कि सरकार ने एक महत्वपूर्ण कदम उठाते हुए पोर्टल पर ऑटोमेटेड मोड में स्वत लाइसेंस नवीनीकरण की सुविधा शुरू कर दी है. उद्यमियों को अब कार्यालय जाने की आवश्यकता नहीं होगी. लाइसेंस की वैधता समाप्त होने से दो महीने पहले ही पोर्टल से एसएमएस और ईमेल के माध्यम से सूचना दी जाएगी. इसके बाद उद्यमी ऑनलाइन शुल्क जमा करके स्वयं नवीनीकरण कर सकेंगे. कारखाना अधिनियम, 1948 के तहत आवश्यक प्रपत्र जैसे प्रपत्र-11, वार्षिक रिटर्न (प्रपत्र-21), और अर्द्धवार्षिक रिटर्न (प्रपत्र-22) अब समयबद्ध तरीके से ऑनलाइन प्रस्तुत किए जा सकते हैं.
इसके अलावा, कारखाने के अस्थायी या स्थायी रूप से बंद होने की सूचनाएं भी पोर्टल पर दी जा सकती हैं. इस नई व्यवस्था में मैनुअली नहीं होगा. उद्यमी बिना किसी विभागीय संपर्क के सभी प्रक्रियाएं पूरी कर सकते हैं. इससे पारदर्शिता बढ़ेगी और प्रक्रिया में देरी की समस्या समाप्त होगी.
इलाहाबाद न्यूज़ डेस्क