उत्तरप्रदेश न्यूज़ डेस्क बॉलीवुड के महानायक अमिताभ बच्चन सियासत की सिल्वर स्क्रीन पर भी शहंशाह साबित हुए. चार दशक पहले 1984 के आम चुनाव में अमिताभ को जितने वोट मिले उतने वोट इलाहाबाद संसदीय सीट का प्रतिनिधित्व करने वाले किसी दिग्गज को नहीं मिले. वो चाहे पूर्व प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्रत्त्ी हों या विश्वनाथ प्रताप सिंह, पूर्व मुख्यमंत्री हेमवती नन्दन बहुगुणा हों या फिर तीन बार इस सीट से जीतने का रिकॉर्ड बनाने वाले शीर्ष भाजपा नेता डॉ. मुरली मनोहर जोशी. अमिताभ को मिले मतों का रिकॉर्ड आज तक कोई छू नहीं सका है.
अपने बचपन के दोस्त पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी के आग्रह पर 1984 के चुनाव में उतरे अमिताभ बच्चन को 2,97,461 वोट मिले थे जो कुल पड़े 4,36,1 मतों का 68. प्रतिशत था. दूसरे नंबर पर लोकदल के प्रत्याशी हेमवती नन्दन बहुगुणा रहे जिन्हें 1,09,666 (25.15 प्रतिशत) मत मिले थे. 1984 के उस चुनाव में अमिताभ और बहुगुणा जैसे दो महारथियों के अलावा बाकी के प्रत्याशियों में प्रत्येक को एक प्रतिशत वोट भी नहीं मिले थे. हालांकि बोफोर्स घोटाला उजागर होने के बाद अमिताभ ने इस्तीफा दे दिया और 1988 के उपचुनाव में विश्वनाथ प्रताप सिंह फिर से इलाहाबाद से चुन लिए गए.
1998 के चुनाव में डॉ. मुरली मनोहर जोशी को 2,65,2 वोट मिले थे जो अमिताभ बच्चन के बाद इस संसदीय क्षेत्र का दूसरा सर्वश्रेष्ठ वोटिंग रिकॉर्ड है.
जीत के मतों के अंतर का रिकॉर्ड भी नहीं टूटा
अमिताभ बच्चन ने हेमवती नंदन बहुगुणा को 1984 के चुनाव में सर्वाधिक 1,87,895 मतों से हराया था. यह भी एक रिकॉर्ड है. इस सीट पर इतने बड़े अंतर से और किसी की जीत नहीं हुई. इस मामले में दूसरे स्थान पर हैं डॉ. मुरली मनोहर जोशी, जिन्होंने 1996 के चुनाव में सरोज दूबे को एक लाख तीन हजार 5 वोट से पराजित किया था. इस सीट पर सर्वाधिक कम मतों से जीत 1991 के चुनाव में हुई थी. उस चुनाव में जनता दल की सरोज दुबे ने सपा के श्यामा चरण गुप्त को महज 5196 वोटों के अंतर से पराजित किया था.
किन-किन महारथियों ने किया प्रतिनिधित्व
● पूर्व प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्रत्त्ी
● पूर्व प्रधानमंत्री वीपी सिंह
● पूर्व मुख्यमंत्री हेमवती नंदन बहुगुणा
● पूर्व केंद्रीय मंत्री जनेश्वर मिश्र
● पूर्व केंद्रीय मंत्री डॉ. मुरली मनोहर जोशी
● प्रदेश सरकार की पूर्व मंत्री डॉ. रीता बहुगुणा जोशी
इलाहाबाद न्यूज़ डेस्क