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Allahabad अखाड़ा परिषद की प्रस्तावित बैठक में बन रहे विवाद के आसार

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उत्तरप्रदेश न्यूज़ डेस्क  अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद की महाकुम्भ 2025 की तैयारियों को लेकर  के आखिरी सप्ताह में प्रस्तावित बैठक में विवाद होना अभी से तय हो गया है. परिषद के राजेंद्र दास गुट के सचिव श्रीमहंत राजेंद्र दास ने जूना और आवाहन अखाड़े के अधिकारों को लेकर कई सवाल उठाए हैं. जिसके बाद यहां प्रस्तावित बैठक में विवाद गहराना लगभग तय है. अनि अखाड़े के सचिव व दूसरे गुट के महामंत्री श्रीमहंत राजेंद्र दास ने बयान जारी कर चेताया है. साथ ही कहा है कि अगर जूना अखाड़े ने उनकी मांगों को न माना तो आवाहन अखाड़े को नए सिरे से विचार करना होगा. दरअसल सभी 13 अखाड़ों को अलग-अलग समूहों में बांटकर स्नान कराया जाता है, साथ ही इसी को आधार बनाकर सुविधाएं दी जाती हैं. महानिर्वाणी अखाड़े के साथ अटल अखाड़ा रहता है, जबकि निरंजनी अखाड़े के साथ आनंद अखाड़ा रहता है. संख्या बल में सबसे बड़े माने जाने वाले जूना अखाड़े के साथ आवाहन और श्रीपंच अग्नि अखाड़ा रहता है. जबकि उदासीनों में बड़ा उदासीन, नया उदासीन और निर्मोही अखाड़ा एक साथ रहते हैं और अनियों में महानिर्वाणि अनि, दिगंबर अनि और निर्मोही अनी अखाड़ा एक साथ रहते हैं. श्रीमहंत राजेंद्र दास ने सवाल उठाया है कि आवाहन अखाड़े को बराबर जमीन व सुविधा दी जानी चाहिए.

अखाड़े और उनके स्नान का क्रम

आवाहन अखाड़ा सन 547 ई., अटल 647 ई., महानिर्वाणी अखाड़ा 749 ई., आनंद अखाड़ा 856 ई., निरंजनी अखाड़ा 904 ई., अग्नि अखाड़ा 1136 ई., जूना अखाड़ा 1156 ई. से महाकुम्भ में स्नान करते आ रहे हैं. महंत राजेंद्र दास का कहना है कि आवाहन अखाड़े को वर्ष 2024 में 1478 वर्ष हो गए हैं और अटल अखाड़े को 1378 वर्ष, महानिर्वाणी अखाड़े को 1276 वर्ष, आनंद अखाड़े को 1169 वर्ष, निरंजनी अखाड़े 1121 वर्ष, अग्नि अखाड़े को 889 वर्ष और जूना अखाड़े 879 वर्ष हुए हैं. सन 647 ई. से अटल अखाड़ा और आवाहन के साथ स्नान का क्रम चालू हुआ. सन 749 ई. से महानिर्वाणी अखाड़ा स्नान करने लगा, यह अटल व महानिर्वाणी अखाड़ा आवाहन का ही भाग है. आनंद भी आवाहन का ही भाग है, जबकि जूना अखाड़ा आनंद व आवाहन का भाग है . आदि शंकराचार्य ने वर्ष 800 से 801 के बीच तय किया की प्रथम शाही में आवाहन अखाड़ा, फिर अटल अखाड़ा और उसके पीछे महानिर्वाणी अखाड़ा स्नान करेगा. दूसरे शाही स्नान में अटल अखाड़ा आगे, उसके पीछे महानिर्वाणी अखाड़ा और उस के पीछे आवाहन अखाड़े का स्नान होगा जबकि तीसरे शाही स्नान में महानिर्वाणी आगे, उसके पीछे आवाहन और उसके पीछे अटल स्नान करेगा.

 

 

इलाहाबाद न्यूज़ डेस्क

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