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Allahbad जेल में आनंद गिरि ने जताया खतरा

Agra कश्मीरी बंदियों की चौथी खेप आ सकती है सेंट्रल जेल
 

उत्तरप्रदेश न्यूज़ डेस्क  अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत नरेंद्र गिरि की आत्महत्या मामले के आरोपित आनंद गिरि ने न्यायालय से सुरक्षा की मांग की है. कहा कि उनकी हाजिरी वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से कराई जाए. उन्हें जेल में खतरनाक बंदियों से अलग रखा जाए, जिससे उनकी प्राणों की रक्षा हो सके. अपर सत्र न्यायाधीश राम प्रताप सिंह राणा ने आनंद गिरि के अधिवक्ता अजीत तिवारी की ओर दिए गए प्रार्थना पत्र पर सीबीआई के अधिवक्ता को आदेश दिया कि प्रार्थना पत्र में अंकित तथ्यों के संबंध में अपनी रिपोर्ट न्यायालय के समक्ष प्रस्तुत करें. इसके साथ ही कारागार अधीक्षक चित्रकूट से भी प्रार्थना पत्र के संबंध में आख्या तलब किया है. इस मामले की सुनवाई  होगी.

आनंद गिरि ने प्रार्थना पत्र में आरोप लगाया है कि उन्हें वीसी के माध्यम से वंचित किया गया. पक्ष रखने और सुनाने से भी वंचित किया गया है. उनका आपराधिक इतिहास नहीं है. उसके बाबजूद भी उन्हें कुख्यात बंदी की श्रेणी में रखा गया है. उनके अधिवक्ता को भी कई बार मिलने से जेल में रोक दिया जाता है. आरोप है कि अतीक अहमद व अशरफ के हत्यारोपी शूटर, मुख्तार अंसारी के लड़के, कुलदीप भाटी, लोकल गुंडों की बैरक में उन्हें भी रखकर शारीरिक और मानसिक प्रताड़ना दी जा रही है. जेल में उन्होंने अनहोनी की आशंका जाहिर की है. यह भी आरोप लगाया है कि उनके अधिवक्ता न्यायालय में पूर्व दिनांक को उपस्थित नहीं थे, इसके बाबजूद भी न्यायालय में उसकी उपस्थिति आदेश पत्रिका में लिख दी गई.

इलाहाबाद न्यूज़ डेस्क

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