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Allahabad गर्मी के मुकाबले सर्दी में होने वाले चुनावों में अधिक पड़ते हैं वोट

चुनाव

उत्तरप्रदेश न्यूज़ डेस्क   सर्दी के मौसम में होने वाले लोकसभा चुनाव में गर्मी की अपेक्षा ज्यादा वोट पड़ते हैं. 1951 से 2019 तक हुए 17 लोकसभा चुनावों के आंकड़े इस बात के गवाह हैं. जिले की नों संसदीय सीटों पर सबसे ज्यादा वोटिंग सर्दी के मौसम में हुए चुनावों के दौरान ही हुई. इस बार भी गर्मी के मौसम में ही चुनाव हो रहे हैं. पिछले चुनाव में प्रयागराज में 12  को वोट पड़े थे, इस बार 25  को पड़ेंगे.

जिले में सर्वाधिक मतदान 1984 के लोकसभा चुनाव में हुआ था. प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की हत्या के बाद यह चुनाव शुरुआती सर्दी के मौसम यानी दिसंबर में हुआ था. जिले की नों सीटों पर 27 दिसंबर 1984 को वोट डाले गए थे. तब इलाहाबाद में 57.17 और फूलपुर में 61.03 प्रतिशत वोट पड़े थे. जो इन नों लोकसभा क्षेत्रों में अब तक का सर्वाधिक मत प्रतिशत है. 17 चुनावों में सर्वाधिक दस चुनाव सर्दी में हुए जबकि छह चुनाव गर्मी और  चुनाव बारिश के मौसम में हुआ था.

पहले बात करते हैं सर्दी में हुए चुनावों की. सर्दी में हुए दस चुनावों में से पांच चुनाव ऐसे हैं, जिसमें इलाहाबाद में 50 प्रतिशत से अधिक वोट पड़े थे. शेष पांच में से  चुनावों में 45 प्रतिशत से अधिक मतदान हुआ था जबकि आजादी के बाद 1952 में हुए पहले चुनाव में सबसे कम 35.66 प्रतिशत वोट पड़े थे जबकि यह चुनाव मार्च में हुआ था, यह मौसम सर्द-गर्म का माना जाता है. इसमें न ज्यादा सर्दी होती है और न ही ज्यादा गर्मी रहती है. इसी तरह फूलपुर में सर्दी में हुए दस चुनावों में से  चुनाव ऐसे रहे, जिसमें 50 प्रतिशत से अधिक मतदान हुआ था. वहीं,  चुनाव में 60 प्रतिशत से अधिक वोटिंग हुई थी जबकि  चुनावों में 40 प्रतिशत से अधिक मत पड़े थे. इस क्षेत्र में सबसे कम 38.62 प्रतिशत वोटिंग 1957 में हुए दूसरे लोकसभा चुनाव में हुई थी

 

 

इलाहाबाद न्यूज़ डेस्क

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