
उत्तरप्रदेश न्यूज़ डेस्क जिले में अवैध खनन की जांच के लिए अब लखनऊ मुख्यालय से टीम ने प्रयागराज में डेरा डाल दिया है. संयुक्त निदेशक खनन जय प्रकाश, खनन अधिकारी जीके दत्ता, मनीष यादव, भू-वैज्ञानिक आशीष चौधरी प्रयागराज आ गए. सभी ने यमुना के घाटों पर अवैध खनन की स्थिति को देखा. बारा तहसील में कचरा घाट पर पट्टे से 300 मीटर बढ़कर और मानपुर घाट पर पट्टे से 500 मीटर बढ़कर बालू खनन होता पाया गया. जिससे यह स्पष्ट हो रहा है कि खनन जलधारा के बीच हो रहा है.
यमुना में बालू के अवैध खनन को लेकर शासन गंभीर हो गया है. शासन के निर्देश पर खनन मुख्यालय की टीम तो प्रयागराज पहुंच ही गई, साथ ही जिलाधिकारी संजय कुमार खत्री ने भी टीमों को दौड़ाया. एडीएम प्रशासन हर्ष देव पांडेय, ज्येष्ठ खनन अधिकारी अजय कुमार भी टीम के साथ निकले. बारा तहसील के चार घाटों का निरीक्षण किया गया. इसमें कचरा में तीन लाख और मानपुर में दो लाख रुपये का जुर्माना अवैध खनन पर पट्टाधारकों पर किया गया. खनन पट्टा स्थलों पर सीसीटीवी कैमरे बंद पाए गए. जुर्माने की कार्रवाई की संयुक्त टीम की रिपोर्ट बनाई जा रही है. एडीएम प्रशासन हर्ष देव पांडेय का कहना है कि किसी भी घाट पर खनन होता तो नहीं पाया गया, लेकिन कुछ अनियमितता मिली हैं.
कठोर दंडात्मक कार्रवाई की संस्तुति
फतेहपुर में अवैध खनन के मामले में मंडलायुक्त ने तीन के खिलाफ कठोर दंडात्मक कार्रवाई की संस्तुति शासन से कर दी है. इसमें फतेहपुर के एआरटीओ, खनन अधिकारी और एसएचओ शामिल हैं. मंडलायुक्त की ओर से शासन को भेजी रिपोर्ट में बताया गया कि फतेहपुर में औचक निरीक्षण के दौरान अवैध खनन की स्थितियां पाई गईं. जिसमें इन अधिकारियों की संलिप्तता से स्पष्ट हो रही है. साथ ही एडीएम, एएसपी, एसडीएम और सीओ पर कार्य में लापरवाही का आरोप पाया गया. इन पर भी कार्रवाई की संस्तुति की गई है.
इलाहाबाद न्यूज़ डेस्क