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Allahbad छात्र अब विदेशी संस्थानों से ले सकेंगे ज्वाइंट डिग्री, ट्रिपलआईटी का अमेरिका, फ्रांस के तकनीकी संस्थानों से एमओयू
 

झारखंड सरकार ने ट्रांसजेंडर किन्नर समुदाय के हक में बड़ा फैसला लिया है। इन्हें थर्ड जेंडर घोषित करने के साथ सरकारी नौकरियों और शिक्षण संस्थानों में दाखिले में आरक्षण मिलेगा।  यह आरक्षण उन्हें ओबीसी यानी पिछड़ा वर्ग के कोटे के तहत मिलेगा। राज्य में पिछड़ा वर्ग को 14 फीसदी आरक्षण हासिल है।  अगर किसी ट्रांसजेंडर को पूर्व से एससी-एसटी कोटे के तहत आरक्षण मिल रहा है, तो वह लाभ उन्हें जारी रहेगा।  हेमंत सोरेन की अध्यक्षता में बुधवार को हुई कैबिनेट की बैठक में इससे जुड़े प्रस्ताव को मंजूरी दी गई है।  कैबिनेट सेक्रेटरी वंदना डाडेल ने कैबिनेट के फैसलों की जानकारी देते हुए बताया कि ट्रांसजेंडर किन्नर समुदाय के लोगों को मुख्यमंत्री राज्य सामाजिक सुरक्षा पेंशन योजना के तहत मासिक पेंशन दी जाएगी।  उन्हें प्रतिमाह 1000 रुपए बतौर पेंशन प्राप्त होंगे। कैबिनेट की बैठक में कुल 35 फैसलों पर मुहर लगी है। एक महत्वपूर्ण फैसले के अनुसार हिंसा में या दुर्घटना में घायल होने पर कर्मियों को मिलने वाले मुआवजा में वृद्धि की गई है। अब उन्हें साढ़े 7 लाख तक की सहायता राशि मिलेगी।  अगर निर्वाचन कार्य के दौरान कर्मी उग्रवादी हिंसा में घायल या अपंग हुए तो मुआवजे की यह राशि दोगुनी हो जाएगी। कैबिनेट ने कुत्तों के काटने से होने वाली रेबीज बीमारी को अधिसूचित बीमारी घोषित करने का भी निर्णय लिया है।  यह निर्णय नेशनल रैबिज कंट्रोल प्रोग्राम के तहत वायरल जेनेटिक बीमारी से रोग और मृत्यु को कम करने के दृष्टिकोण से लिया गया है।


उत्तरप्रदेश न्यूज़ डेस्क  भारतीय सूचना प्रौद्योगिकी संस्थान (ट्रिपलआईटी) से मास्टर व रिसर्च (एमटेक, एमबीए व पीएचडी) करने वाले छात्र-छात्राओं के लिए अच्छी खबर है. अब वह विदेश के नामचीन शिक्षण संस्थानों से डिग्री हासिल कर सकेंगे. संस्थान ज्वाइंट डिग्री प्रोग्राम शुरू कर रहा है. प्रथम चरण में पीजी और शोध को जोड़ा जा रहा है. इसके बाद स्नातक स्तर के कोर्स को भी जोड़ा जाएगा.


ट्रिपलआईटी से पीजी व रिसर्च करने वाले छात्र-छात्राएं अपने पाठ्यक्रम के एक हिस्से की पढ़ाई विदेश के तनकीकी शिक्षण संस्थान व विश्वविद्यालय से कर सकेंगे. इन विद्यार्थियों को संस्थान ज्वाइंट डिग्री प्रदान करेगा. डिग्री पर दोनों संस्थानों का नाम और लोगो होगा. संस्थान में बीते दिनों हुई बैठक में यह निर्णय लिया गया है. संस्थान के निदेशक प्रो. मुकुल सुतावने ने बताया कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति लागू होने के बाद अमेरिका, फ्रांस, जर्मनी, कोरिया समेत अन्य देशों के तकनीकी संस्थानों के साथ एमओयू हो चुका है. जहां पर ज्वाइंट डिग्री की पढ़ाई संस्थान के छात्र-छात्राएं कर सकेंगे. भारतीय, एशिया और यूरोप के प्रतिष्ठित आईटी और मल्टीडिसिप्लनरी संस्थानों के साथ इसे लेकर प्रक्रिया शुरू कर दी गई है. नई शिक्षा नीति में इसे तीन श्रेणियों में बांटा गया है. टीचिंग लर्निंग, रिसर्च इंटेसिव, मल्टी डिसिप्लिनरी संस्थान के रूप में बांटा गया है.
साउथ डकोटा यूनिवर्सिटी से शोध करेगी एक छात्रा
ज्वाइंड डिग्री प्रोग्राम के तहत संस्थान के आईटी ब्रांच से शोध कर रही एक छात्रा अब यूनिवर्सिटी ऑफ साउथ डकोटा से शोध करेगी. इसके लिए उसे क्वाड फेलोशिप मिली है. वह वर्तमान में आईटी ब्रांच के एसोसिएट प्रोफेसर व रजिस्ट्रार डॉ. सतीश कुमार सिंह के निर्देशन में शोध कर रही हैं.


इलाहाबाद न्यूज़ डेस्क
 

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