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Allahabad एनसीईआरटी की किताबें छपी नहीं, पुरानी से पढ़ाई

Raipur में प्राथमिक विद्यालयों में प्रथम भाषा के रूप में अंग्रेजी पढ़ाई जाएगी

उत्तरप्रदेश न्यूज़ डेस्क  रॉयल्टी और जीएसटी के विवाद में भले ही इस साल राष्ट्रीय शैक्षिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद (एनसीईआरटी) आधारित कक्षा नौ से 12वीं तक की किताबों का प्रकाशन नहीं हो सका है. यूपी बोर्ड के सचिव भगवती सिंह की पहल पर प्रकाशकों ने गोदाम में पड़ी पूर्व के वर्षों की प्रकाशित लाखों किताबों को जिलों में भेज दिया है. इसके अलावा एनसीईआरटी की किताबें और निजी प्रकाशकों की महंगी किताबें भी बाजार में पहले से ही उपलब्ध है. बड़ी संख्या में छात्र-छात्राएं बोर्ड की वेबसाइट से किताबों का पीडीएफ डाउनलोड करके पढ़ाई कर रहे हैं.

बोर्ड सचिव को सभी 75 जिलों के जिला विद्यालय निरीक्षकों से मिली रिपोर्ट के अनुसार, वर्तमान में 80 प्रतिशत से अधिक बच्चों को किताबें उपलब्ध हो चुकी है. कक्षा नौ से 12वीं तक की 36 विषयों की 70 किताबें एनसीईआरटी और हिंदी, संस्कृत व उर्दू की 12 किताबें निजी प्रकाशकों की चलती है.

कई जिलों में सभी बच्चों को मिलीं किताबें

डीआईओएस की ओर से भेजी गई रिपोर्ट के अनुसार, कई जिलों में सभी बच्चों को किताबें मिल चुकी हैं. प्रयागराज समेत प्रतापगढ़, कौशाम्बी, फिरोजाबाद, एटा, कासगंज, गौतमबुद्धनगर, शामली, अमरोहा, सीतापुर, हरदोई, रायबरेली, कानपुर नगर, कानपुर देहात आदि जिलों में 100 प्रतिशत बच्चों को किताबें मिल चुकी हैं.

 

 

इलाहाबाद न्यूज़ डेस्क

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