उत्तरप्रदेश न्यूज़ डेस्क संगम का जलस्तर तेजी से बढ़ने का असर अब दारागंज श्मशान घाट और क्षेत्र की सड़कों पर दिखाई पड़ने लगा है. श्मशान घाट का दायरा सिकुड़ रहा है. संगम की सड़कों पर नावें चलने लगी हैं. नागवासुकि मंदिर के सामने रिवर फ्रंट रोड फिर जलमग्न हो गई है.
संगम क्षेत्र में बाढ़ का पानी फैलने के चलते श्मशान घाट का आधा हिस्सा जलमग्न हो गया. ऐसे ही पानी बढ़ा तो पास की सड़क पर अंतिम संस्कार करना पड़ेगा. सड़क भी डूबने पर दारागंज में अंतिम संस्कार बंद हो सकता है. यहां का विद्युत शवदाह गृह बंद है. ऐसे में रसूलाबाद घाट जाना पड़ेगा. नागवासुकि मंदिर के सामने मार्ग पर वाहनों का आवागमन रोक दिया गया है. बघाड़ा के कछारी इलाकों में रहने वाले सहमे हैं. गंगा में बढ़ा पानी सलोरी सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट को घेरने के बाद अब आबादी के नजदीक जा रहा है. इस बार भी कछारवासियों को गंगा नहीं, यमुना डरा रही हैं. नैनी में रात यमुना का जलस्तर दो सेमी प्रति घंटा बढ़ रहा था. शाम चार से रात आठ बजे के बीच गंगा का जलस्तर एक सेमी घटा.चिल्ला में यमुना के जलस्तर में वृद्धि होने से यहां दो दिन बढ़ोतरी होगी. गंगा के दूसरी बार बड़े हनुमान मंदिर में प्रवेश करने की अटकलें लग रही हैं. सिंचाई विभाग बाढ़ प्रखंड के इंजीनियरों का कहना है कि अभी तक किसी बैराज से ज्यादा पानी नहीं छोड़ा गया, इसलिए गंगा-यमुना के खतरे का निशान छूने की संभावना नहीं है.
राजरूपपुर-कौशाम्बी मार्ग बंद, लग रहा भीषण जाम
राजरूपपुर होकर प्रयागराज-कौशाम्बी मार्ग पर आवागमन करने वालों की मुश्किल बढ़ गई. दो जिलों को जोड़ने वाले मार्ग पर वाहनों का आवागमन रोक दिया गया है. मार्ग पर निर्माणाधीन रेलवे ओवर ब्रिज के लिए पिलर बनाए जा रहे हैं. इसके चलते वाहन चालकों को कम से कम 500 मीटर की अतिरिक्त यात्रा करनी पड़ रही है. सेतु निगम ने राजरूपपुर में निर्माणाधीन ब्रिज के नीचे वाहनों का आवागमन रोका. वाहनों के आवागमन को पास से वैकल्पिक मार्ग दिया गया है. लेकिन दो दिन से भीषण जाम लग रहा है. अब जाम से बचने के लिए वाहन चालक एक किलोमीटर तक चक्कर काट रहे हैं. कालिंदीपुरम जागृति समिति के अध्यक्ष जयप्रकाश तिवारी ने बताया कि मार्ग बंद होने से जबर्दस्त जाम लग रहा है. रक्षाबंधन के दिन भी हालात बेकाबू थे.
इलाहाबाद न्यूज़ डेस्क