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Allahbad हादसे के बाद फिर शुरू हुआ गंगा की धारा मोड़ने का काम, संगम तट पर एक बार फिर जेसीबी से धारा मोड़ने का प्रयास
 

गंगा सेवक दल सचिव उज्ज्वल पंडित ने बताया कि सनातन वादी लोगों द्वारा मंदिरों एवं घरों में खंडित हुई मूर्तियों को गंगा के घाटों पर छोड़ जाते हैं .


उत्तरप्रदेश न्यूज़ डेस्क   बीते पांच दिनों में गंगा में स्नान के दौरान छह युवक डूब चुके हैं. पुलिस और प्रशासन ने कुछ घाटों पर साइनेज लगाकर और कुछेक जगह पर केवल नाममात्र की बैरिकेडिंग कर अपनी जिम्मेदारी पूरी कर ली. 
डीएम ने जल पुलिस को कहा, रहें अलर्ट संगम तट पर घटना होने के बाद जिलाधिकारी संजय कुमार खत्री ने सुबह ही जलपुलिस प्रभारी को तलब किया था. उनसे लगातार घाटों पर पेट्रोलिंग के लिए कहा गया.
संगम तट पर  सुबह दो युवाओं के गंगा में समाने के बाद एक बार फिर मेला प्रशासन ने गंगा की धारा को मोड़ने के लिए जेसीबी से खुदाई कराना शुरू कर दिया. हादसे के बाद जेसीबी पहुंचा और वाहन बीच धारा तक न जाए इसके लिए बालू का टीला बनाया गया. पिछले दिनों भी ऐसा किया गया था, लेकिन जलधारा से टीला बह गया और  हादसा हो गया.
शिवकुटी घाट पर नहीं दिखी बैरिकेडिंग

शिवकुटी घाट पर 18 मई को गंगा में डूबने से दो युवकों की मौत हो गई थी. इस घाट पर न तो साइनेज दिखा और न ही डीप वाटर बैरिकेडिंग. आराम से लोग स्नान कर रहे थे. हादसे के बाद भी यहां पर कोई इंतजाम नहीं था. ऐसे में दोबारा हादसे से इनकार नहीं किया जा सकता है.
फाफामऊ घाट पर बीच धारा में लगी बैरिकेडिंग
फाफामऊ घाट पर जहां दो दिन पहले दो युवकों की गंगा में डूबने से मौत हो गई थी, वहां पर एक साइनेज लगाया गया है. जिस पर लिखा है कि नदी गहरी है और बहाव तेज है. गहरे में न जाएं. यहां पर डीप वाटर बैरिकेडिंग लगी है, लेकिन किनारे से घाट को कवर नहीं किया गया था. बीच जलधारा में एक जगह बैरिकेडिंग लगाई गई थी, जिसके बगल से लोग बेहद आसानी से जा सकते हैं. वहीं जल पुलिस का एक सिपाही तैनात था. बैरिकेडिंग के पास कुछ युवक स्नान कर रहे थे, जवान सीटी बजाकर उन्हें बाहर निकलने के लिए कह रहा था, लेकिन किसी पर कोई असर नहीं हुआ. यहां पांच मई को भी हादसा हुआ था.


इलाहाबाद न्यूज़ डेस्क

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