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Allahbad जांच में बाल संरक्षण गृह बेदाग सीडब्ल्यूसी के खिलाफ संस्तुति,डीपीओ की जांच पूरी, डीएम को सौंपी रिपोर्ट, मजिस्ट्रेट की जांच भी लगभग पूरी
 

Allahbad जांच में बाल संरक्षण गृह बेदाग सीडब्ल्यूसी के खिलाफ संस्तुति,डीपीओ की जांच पूरी, डीएम को सौंपी रिपोर्ट, मजिस्ट्रेट की जांच भी लगभग पूरी

उत्तरप्रदेश न्यूज़ डेस्क  राजरूपपुर का बाल संरक्षण गृह जिला प्रशासन की जांच में बेदाग हो गया. वहीं विभाग की छवि खराब करने के लिए बाल संरक्षण समिति के खिलाफ कार्रवाई की संस्तुति की गई है. मामले में यह पाया गया कि पीड़ित ने मौखिक रूप से इसकी शिकायत की थी, लेकिन बयान की जांच के बिना ही इसे रिपोर्ट में दर्ज किया गया और इस रिपोर्ट को आलाधिकारियों के सामने पेश भी नहीं किया गया.

राजरूपपुर के बाल संरक्षण गृह में बालकों के यौन उत्पीड़न के मामले में जिलाधिकारी संजय कुमार खत्री ने दो जांच बैठाई थी. मीडिया की खबरों का संज्ञान लेकर डीपीओ पंकज कुमार मिश्र को एक जांच करने के लिए कहा था. वहीं एएसडीएम ज्योति रानी मौर्य और बहरिया के सीडीपीओ अशोक कुमार चौहान को मजिस्ट्रेट जांच करने का निर्देश दिया था. दोपहर 12 बजे डीपीओ पंकज कुमार मिश्र जांच के लिए मौके पर गए थे. उन्होंने सभी पक्षों से पूछताछ की तो आरोप साबित नहीं हुआ. जिस बालक के यौन शोषण की शिकायत बाल संरक्षण समिति से की गई थी उसने मौखिक आरोप लगाया था, जिसकी जांच नहीं कराई गई. जांच के बिना ही इसे रिपोर्ट में दर्ज किया गया जबकि इसकी जांच होनी चाहिए थी और इसे आलाधिकारियों के संज्ञान में लाना चाहिए था. जांच में पाया गया कि यह मामला हुआ ही नहीं और किसी ने भी घटना के पक्ष में अपना बयान कलमबंद नहीं कराया है. डीपीओ पंकज कुमार मिश्र का कहना है कि जांच रिपोर्ट जिलाधिकारी को सौंप दी गई है. यौन उत्पीड़न का मामला सामने नहीं आया है. मामले में विभाग की छवि खराब करने में बाल संरक्षण समिति की भूमिका संदिग्ध है. ऐसे समिति पर कार्रवाई की संस्तुति जिलाधिकारी से की गई है. उधर बताया जा रहा है कि मजिस्ट्रेट जांच भी पूरी हो चुकी है. इसे जिलाधिकारी को सौंपे जाने के पहले अध्ययन किया जा रहा है. हालांकि इस जांच में भी संरक्षण गृह को क्लीन चिट मिली है.

इलाहाबाद न्यूज़ डेस्क
 

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